जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत, वाइस चेयरमैन बीरेन्द्र की गई कुर्सी
देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 13 जनवरी : लोहड़ी पर्व के दिन सोमवार को जिले में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत जिला परिषद पलवल की चेयरपर्सन आरती रावत और वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह को अपनी-अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। असंतुष्ट बागी जिला पार्षदोंं ने चेयरमैन और वाइस चेयरमैन दोनों को ही उनके पदों से हटा दिया। जिला सचिवालय में जिला उपायुक्त के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुए मतदान में कुल 20 में से 16 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर चेयरपर्सन और वाइस चेयरमैन दोनों को ही पदमुक्त कर दिया। हार के डर से मतदान के दौरान चेयरपर्सन आरती रावत स्वयं चुनावी प्रकिया से नदारद रहीं जबकि वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह ने वोटिंग में भाग लिया। आपको बता दें कि जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत के पति मनोज रावत भाजपा नेता हैं और वह केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। मंत्री गुर्जर के आशीर्वाद से ही आरती रावत को चेयरपर्सन की कुर्सी मिली थी और हाल ही के विधानसभा चुनाव में उनके पति मनोज रावत को भी मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के आशीर्वाद से भाजपा प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सके थे।
उल्लेखनीय है कि 7 दिसंबर को पलवल जिला परिषद के कुल 20 पार्षदों में से 16 पार्षदों ने जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर जिला परिषद चेयरपर्सन आरती रावत और वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिस पर जिला उपायुक्त ने 30 दिसंबर को मतदान की तिथि निश्चित की थी लेकिन उस दिन जिला उपायुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने कार्यालय से अनुपस्थित रहे, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने नाराजगी व्यक्त की थी और हाईकोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी थी। इस पर जिला उपायुक्त ने मतदान के 13 जनवरी की दोबारा से तिथि निश्चित की। उसी के आधार पर आज सोमवार को मतदान का समय निश्चित था। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सभी 16 पार्षद एकजुट होकर तय समय पर पलवल जिला सचिवालय पहुंच गए लेकिन खुद चेयरपर्सन आरती रावत अपनी पराजय के डर से अपने दो अन्य समर्थक पार्षदों के साथ इस चुनावी प्रक्रिया से नदारद रहीं जबकि वाइस चेयरमैन बीरेंद्र सिंह इस दौरान मौजूद रहे।
क्या कहते हैं असंतुष्ट पार्षद : जिला परिषद पलवल में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले असंतुष्ट पार्षदों का कहना है कि चेयरपर्सन आरती रावत ने किसी भी वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं किया और उनका रवैया हमेशा तानाशाही पूर्ण रहा। जब भी उनसे विकास कार्यों की बाबत कहा जाता था तो उनका तानाशाही रवैया देखने को मिलता। इसी तानाशाही रवैये के चलते वे चेयरपर्सन और वाइस चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये।
क्या कहते हैं जिला उपायुक्त : जिला उपायुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि आज की मतदान प्रक्रिया में कुल कुल 20 पार्षदों में से 17 पार्षदों ने हिस्सा लिया, जिसमें चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 16 पार्षदों ने मतदान किया जबकि एक मत कैंसिल हो गया। वहीं वाइस चेयरमैन के खिलाफ 16 मत पड़े जबकि एक उनके पक्ष में रहा। जिला उपायुक्त ने कहा कि आज की चुनाव की प्रक्रिया के बारे में चुनाव आयोग को लिखित रूप से अवगत करवा दिया जाएगा और जो भी आगामी दिशा निर्देश आयेंगे, उनके आधार पर आगे की प्रक्रिया संपूर्ण कराई जाएगी।