जापानी डाइट तकनीक में लंबी उम्र का राज
रेनू सैनी
आजकल देखने में आ रहा है कि युवा भी असामयिक काल का ग्रास बन रहे हैं। कई बार व्यक्तियों को अहसास भी नहीं होता और वे चलते-चलते ही मृत्यु की गोद में सो जाते हैं। आखिर इन दिनों ऐसा क्यों देखने में आ रहा है? इसका प्रमुख कारण है लोगों का खान-पान और उनके अंदर से सकारात्मक भावों का लोप होना। आप सब यह जानते ही होंगे कि जापान एक ऐसा देश है जिसके लोग सर्वाधिक आयु वाले होते हैं। जानते हैं ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जापान के लोगों ने स्वयं को खुश, स्वस्थ एवं दीर्घायु रखने के लिए अनेक अवधारणाएं बनाई हुई हैं। यहां के लोगों की औसत आयु विश्व में चौथे स्थान पर है। यहां पुरुषों की आयु अस्सी वर्ष से ऊपर और महिलाओं की 85 वर्ष से ऊपर मानी जाती है।
जापान में ही एक आइलैंड है ओकीनावा। वहां के लोगों की अधिकतर आयु तो लगभग सौ वर्ष के आसपास होती है और नब्बे साल पार करने के बाद भी ये लोग अपने दैनिक कार्यों को बड़े आराम से खुद ही करते हैं। कई देशों की कम्पनियों के प्रबंधक एवं लोग ओकीनावा में विशेष रूप से यही देखने के लिए जाते हैं कि आखिर वहां ऐसा क्या है जो लोग नब्बे वर्ष की आयु में भी स्वस्थ एवं खुश दिखाई देते हैं और अपने अंतिम समय तक सक्रिय रहते हैं। ऐसा हारा हाची बू के कारण होता है। यह एक तरह से जापानियों की डाइट तकनीक है। हारा हाची बू एक जापानी डिश्ा भी है। हारा हाची बू की डाइट तकनीक यह है कि जब पेट 80 प्रतिशत तक भर जाए तो फिर खाना नहीं खाना चाहिए। यहां पर जापान के कई क्षेत्रों विशेषकर ओकिनावा में खाना खाने से जुड़ी पुरानी प्रथा है। वह प्रथा यही है कि पेट को 20 प्रतिशत खाली रखने से भोजन जल्दी पचता है, आलस्य दूर रहता है और व्यक्ति के मन में नकारात्मक भावनाएं कम आती हैं। एक जापानी कहावत भी है कि, ‘भरे पेट के आठ हिस्से आदमी का भरण-पोषण करता है, बाकी दो डॉक्टर का भरण-पोषण करते हैं।’ अर्थात् यदि व्यक्ति अस्सी प्रतिशत से अधिक पेट भर लेता है तो फिर उसे लगातार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। यदि व्यक्ति केवल अपनी भूख का अस्सी प्रतिशत पेट भरे तो वह जीवनभर स्वस्थ रह सकता है।
वर्ष 2005 में नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख मंे जापान के ओकिनावा के निवासियों को विश्व में सर्वाधिक हेल्दी लाइफ जीने के कारण रेखांकित किया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि यहां के निवासियों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का प्रतिशत भी बहुत कम पाया जाता है। यहां के लोग नब्बे वर्ष की आयु तक पूर्ण स्वस्थ रहते हैं और अपने नियमित कार्यों को स्वयं करते हैं।
जापान के प्रसिद्ध शेफ जीरो ओनो इस समय 98 वर्ष के हैं। वे केवल जापान के ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे उम्रदराज शेफ हैं जो सक्रिय हैं। उनके हाथों की बनाई जापानी डिश सुशी बेहद लाजवाब होती है। उनके हाथों की बनाई इस डिश का स्वाद दुनिया की अनेक जानी-मानी हस्तियां कर चुकी हैं जिनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हैं। जीरो ओनो इस उम्र में भी इतने सक्रिय इसलिए हैं क्योंकि वे प्रारंभ से ही हारा हाची बू का पालन करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि आप तभी सक्रिय रह सकते हैं जब आप ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर रहते हैं। ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर रहने के लिए कम लेकिन पोषणयुक्त भोजन करना चाहिए। वे बिल्कुल दुबले-पतले हैं। मगर हारा हाची बू के कारण वे सदैव प्रफुल्लित, स्वस्थ और खुश नज़र आते हैं। ज्यादा एवं ठूंस-ठूंस कर खाने से व्यक्ति को स्वयं ही असुविधा का अहसास हो जाता है। हम सभी ने कूड़ेदान को देखा है। हमें अपने पेट को कूड़ेदान नहीं बनाना चाहिए। यदि हम अपने पेट में किसी भी तरह की खाद्य सामग्री डालते जाएंगे तो वह एक कूड़ेदान बनकर रह जाएगा जो कुछ समय बाद ही बीमारियों की खान में परिवर्तित हो जाएगा।
लोगों के ठूंस-ठूंस कर और फास्ट फूड को अधिक महत्व देने के कारण ही आज मोटापा विश्व में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। हारा हाची बू मोटापे से निजात पाने के लिए भी एक बढ़िया उपाय हे। हारा हाची बू को आहार में शामिल करने के कुछ छोटे और प्यारे नियम हैं जैसे कि इसे धीरे-धीरे खाएं। भोजन करते समय केवल भोजन पर ध्यान दें। उस समय मन से तनाव और समस्याओं को निकालकर एक तरफ रख दें। भोजन के समय यदि समस्याओं और तनाव पर ध्यान दिया जाता है तो उसके पोषक तत्व पूर्ण असर नहीं करते। हारा हाची बू में भोजन करते समय मोबाइल और टीवी किसी पर ध्यान नहीं दिया जाता, केवल भोजन पर ही फोकस रहता है। हारा हाची बू के अनुरूप भोजन करने से शरीर को आश्चर्यजनक लाभ पहुंचते हैं। इससे शरीर सुडौल बना रहता है। इसके साथ ही इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं और पाचन तंत्र से संबंधित विकार भी नहीं होते। सबसे महत्वपूर्ण बात कि हारा हाची बू के अनुसार चलने से खतरनाक बीमारियां शरीर में घर नहीं बना पातीं।
हारा हाची बू डिश बेशक जापान में मिलती है, लेकिन हारा हाची बू की तकनीक यानी कि जब पेट 80 प्रतिशत भर जाए तो भोजन करना बंद कर दें, प्रत्येक व्यक्ति किसी भी देश में, कभी भी और कहीं भी अपना सकता है और जीवनभर स्वस्थ रहकर लंबा जीवन पा सकता है। तो आप हारा हाची बू को अपने जीवन में कब से शामिल कर रहे हैं।