जाति, साम्प्रदायिक भावनाओं के आधार पर नहीं मांग सकेंगे वोट
चंडीगढ़, 26 अगस्त (ट्रिन्यू)
भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाइन जारी की है। उन्हें बताया गया कि चुनाव प्रचार के दौरान वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों नेताओं व दलों के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई भी होगी। आयोग ने स्पष्ट कहा है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इन निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
राजनीतिक दल और नेता किसी भी आधिकारिक काम को चुनाव प्रचार या चुनावी गतिविधियों के साथ नहीं जोड़ सकेंगे। वित्तीय या अन्य किसी प्रकार का कोई प्रलोभन मतदाता को देने के मामले में सख्त कार्रवाई होगी। मतदाताओं की जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर वोट की अपील को कानूनन अपराध माना जाएगा। इससे मतभेद बढ़ सकते हैं। विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच द्वेष और तनाव पैदा होने का खतरा रहता है।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने सोमवार को यहां बताया कि सभी दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को सार्वजनिक स्थानों - मैदान और हेलीपैड निष्पक्ष रूप से उपलब्ध करवाए जाएंगे। चुनाव के दौरान अन्य राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों तक ही सीमित होगी। प्रस्तावित बैठक के समय व स्थान की सूचना समय से पहले स्थानीय पुलिस अधिकारियों को देनी होगी।
अग्रवाल ने बताया कि बैठक के स्थान पर यदि कोई प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू है तो उन आदेश का पालन करना होगा। प्रस्तावित बैठकों के लिए लाउडस्पीकर या ऐसी किसी अन्य सुविधा के उपयोग की पहले से अनुमति लेनी होगी। किसी भी जुलूस को शुरू करने और समाप्त करने के समय व स्थान तथा मार्ग को समय पूर्व निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए भी स्थानीय सिविल व पुलिस प्रशासन की मंजूरी अनिवार्य होगी।