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जब डबल बेड छोड़ कार्यकर्ताओें के बीच दरी पर सो गए थे चौटाला

05:57 AM Dec 31, 2024 IST
जोगेन्द्र हुड्डा तपासे वाले और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला। -फाइल फोटो

झज्जर, 30 दिसंबर (हप्र)
हरियाणा बनने के बाद हुड्डा के सीएम बनने से पहले तक हर किसी सीएम का कोई न कोई इतिहास साक्षी रहा है आैर वह जनता के बीच चर्चित भी रहा है। लेकिन पूर्व सीएम ओपी चौटाला के सीएम बनने से पहले तक के राजनीतिक सफर के कई ऐसे किस्से हैं जोकि आज भी जनता के बीच चर्चित हैं और उनके कार्यकर्ता के दिलों को आज भी झकझोर देते हैं। ऐसा ही एक किस्सा है ओपी चौटाला का रात के समय अपने पिता स्वर्गीय चौ. देवालाल की दिल्ली स्थित कोठी पर डबल बैड छोड़कर कार्यकर्ताओं के बीच दरी पर सोने का।
ओपी चौटाला के साथ बिताए गए पल को साझा करते हुए जोगेन्द्र हुड्डा तपासे वाले बताते है कि चौटाला साहब हमेशा अपने कार्यकर्ता के बीच बनी हुई दूरी को एक तरह से पाटने का काम करते थे। वह चाहते थे कि राजनेता और कार्यकर्ता के बीच दूरी जितनी कम हो उतनी ही अच्छा है। उन्होंने बताया कि साल 1981 की बात है जब वह11-तीन मूूर्ति के पास अपने पिता स्वर्गीय चौ. देवीलाल की कोठी पर मौजूद थे। रात ज्यादा हो गई थी और साधन भी उस समय कम ही हुआ करते थे। उसी दौरान जब देर रात हो गई तो काफी कार्यकर्ता कोठी में जमा थे, लेकिन चौ. ओपी चौटाला कोठी के बैडरूम में रखे डबल बैड को प्राथमिकता दिए जाने की बजाय वहीं हॉल में दरी पर कार्यकर्ताओं के बीच आकर सो गए। ऐसा ही एक किस्सा उन्होंने बताया कि चौटाला साहब कैसी सादगी भरे राजनेता थे, वह इसी बात से पता चलता है कि साल 1981 में ही जब वह दिल्ली से सिरसा जाने वाली हरियाणा रोडवेज की बस में सफर कर रहे थे तो उसी दौरान ही जब जोगेन्द्र हुड्डा बस में चढ़े तो चौटाला साहब ने बकायदा आवाज देकर उन्हें अपने पास वाली सीट पर बुलाकर बैठाया। बाद में रोहतक बाईपास पर रिक्शा में बैठकर वह कचहरी पहुंचे। बहादुरगढ़ में पूर्व मंत्री मांगेराम के बेटे के दोपहिया वाहन स्कूटर पर तो अकसर चौटाला साहब को बैठकर कार्यकर्ताओं के यहां जाते हुए देखा जाता रहा है।

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