घने कोहरे में भी 22 मेगावाट पर चल रही पानीपत शुगर मिल की टरबाइन
पानीपत, 4 जनवरी (हप्र)
पानीपत के 50 हजार पेराई क्षमता के नये डाहर शुगर मिल में बिजली का उत्पादन करने के लिये 28 मेगावाट क्षमता की टरबाइन लगाई गई है, जिसकी 7 मेगावाट बिजली से तो शुगर मिल चलता है और बाकी बिजली को एचवीपीएन के 33 केवी के नौल्था पॉवर सब स्टेशन को एक्सपोर्ट यानि बेचा जा रहा है। पानीपत मिल द्वारा शनिवार सुबह 6 बजे तक 1 करोड 15 लाख यूनिट बिजली एचवीपीएन को बेची जा चुकी है, जोकि 7 करोड़ 27 लाख की है।
पिछले कई दिनों से छाए घने कोहरे के दौरान भी शुगर मिल की टरबाइन अभी भी शनिवार को 22 मेगावाट के लोड पर चल रही है, जबकि कोहरे से पहले यह 24 मेगावाट पर चल रही थी।
शुगर मिल के एमडी मनदीप कुमार, चीफ इंजीनियर राजकुमार व डिप्टी चीफ इंजीनियर रवि मान के अनुसार कोहरे के चलते पॉवर हाउस में बिजली का लोड कम हो जाता है और लाइन ट्रिप न कर जाये, इसलिये टरबाइन का लोड कोहरे में कुछ कम करना पडता है। उनका कहना है कि कोहरे का मौसम खुलने पर टरबाइन को करीब 26 मेगावाट के लोड पर चलाया जाएगा।
पानीपत मिल द्वारा इस बार 40 करोड़ की बिजली बेचने का लक्ष्य रखा गया है। पानीपत मिल में शनिवार सुबह 6 बजे तक 16.67 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है और मिल में इस बार 65 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है।
एमडी मनदीप कुमार ने बताया कि शुगर मिल द्वारा शनिवार सुबह 6 बजे तक 7 करोड़ 27 लाख की बिजली एचवीपीएन को एक्सपोर्ट की जा चुकी है और 16.67 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है।