ग्रामीणों ने शव के अंतिम संस्कार से किया इनकार
डबवाली (लंबी), 8 दिसंबर (निस)
गांव किलियांवाली में घर से बाहर बुलाकर युवक विक्रम की हत्या का कारण ग्रामीणों ने गांव में फैल रहे नशे के कारोबार का विरोध करना बताया। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की और तब तक युवक के शव का अंतिम संस्कार न करने की घोषणा की है। पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को नामज़द करते हुये 13 के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है। गांव के डेरे पर एकत्रित ग्रामीणों ने विक्रम की हत्या की एफआईआर में चिट्टा नशे के विरोध का उल्लेख न होने पर सख्त नाराजगी जताई। मृतक की मां रानी कौर ने कहा कि उसके बेटे विक्रम ने नशों का विरोध किया था। जिसके चलते उसे घर से बाहर बुला कर उसकी हत्या कर दी। बीच-बचाव में घायल फ़कीर चंद ने कहा कि गांव में नशा बेचने वालों की गतिविधियां उनके मोहल्ले में बढ़ रही थीं। जिसका विक्रम और वे सभाी लोग विरोध करते थे। फ़कीर ने कहा कि एफआईआर में पुलिस ने नशा तस्करी के विरोध का कोई ही ज़िक्र नहीं किया। जबकि सारा मामला ही चिट्टा नशा के विरोध पर आधारित है। फ़कीर चंद ने कहा कि विक्रम के माता-पिता अनपढ़ हैं। शायद इसी के चलते कथित मनमर्ज़ी से बयान लिख दिए गए। लोगों ने कहा कि पुलिस ने नशा तस्करों को बचाने के लिए हत्याकांड को आम रंजिश व जागरण के मौके लड़ाई से जोड़ा है। उनकी गांव नशा तस्करी का गढ़ बना हुआ है। पहले सिर्फ़ मोबाइल टावर क्षेत्र में नशे बिकते थे। अब नशा गली-गली पहुंच चुका है। यहां 30-35 लोग नशे की तस्करी में लिप्त हैं। अब 13-14 साल के लड़के, लड़कियां व महिलाएं भी नशे की सप्लाई करते हैं। मोहल्ला निवासियों ने एफआईआर में नशा तस्करी के विरोध शामिल करने व गांव को नशा मुक्त करने की मांग की। ग्रामीणों को शांत करने लंबी के डीएसपी जसपाल सिंह व थाना लंबी के प्रभारी गुरमीत सिंह पहुंचे। डीएसपी ने 6 दिनों में आरोपियों की गिरफ़्तारी व गांव को नशा तस्कर से मुक्त करने का भरोसा दिलाया। वहीं थाना किलियांवाली के प्रभारी गुरदीप सिंह ने कहा कि वारिसों के बयानों पर एफआईआर दर्ज हुई है। यदि बयानों में नशों का ज़िक्र होता तो उसे भी भी लिखा जाना था। उन्होंने कि आरोपियों की तलाश जारी है।