गौशालाओं के लिए 216 करोड़ की चारा अनुदान राशि जारी : महिपाल ढांडा
पानीपत, 8 जनवरी (वाप्र)
प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में गोवंश के संरक्षण की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि प्रदेशभर में गौचरान की जितनी भूमि है, उसे चिह्नित किया जाएगा और इस भूमि को जो पंचायतें ठेके पर देती हैं, अब उस पैसे का उपयोग गौशालाओं के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा, अधिकारियों को भी एक रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत गौ-चरान की भूमि को गौशालाओं की इच्छा अनुसार चारा उगाने के लिए भूमि आवंटित की जा सकेगी। मंत्री ने गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ रुपये की चारा अनुदान राशि जारी की। मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी दिशा में गौशालाओं को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और बायोगैस बनाने के लिए तकनीकी सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, गाय के गोबर से तैयार होने वाले प्रोमो खाद की विधि भी गौशालाओं के साथ साझा की जाएगी, ताकि प्रोमो खाद डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग हो सके। इतना ही नहीं, गाय के गोबर से पेंट, गौमूत्र से फिनायल, साबुन, शैंपू आदि उत्पाद बनाने के लिए भी गौशालाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन उत्पादों की बिक्री के लिए सरकार की ओर से मार्केटिंग में सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 330 गौशालाओं में सोलर ऊर्जा प्लांट लगाये गये हैं। शेष बची गौशालाओं में भी सोलर पावर प्लांट लगाने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा, ताकि गौशालाएं आत्मनिर्भर बन सकें।
गोवंश संरक्षण के लिए गौशालाओं को दी सहायता
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने पंजीकृत गौशालाओं को पिछले 10 वर्षों में चारे के लिए लगभग 270 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। इसके अलावा, लगभग 350 शेड निर्माण व चारा गोदाम के लिए 30 करोड रुपये की अनुदान राशि दी गई है। इस वित्त वर्ष में 608 गौशालाओं को लगभग 66 करोड़ रुपये चारा खरीद हेतु जारी किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, पहले गौशालाओं से जमीन की रजिस्ट्री पर 1 प्रतिशत शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब नई गौशालाओं को जमीन की रजिस्ट्री पर कोई भी स्टाम्प ड्यूटी नहीं
देनी होगी।