गुरुग्राम, 10 जनवरी। (हप्र)लाल डोरा स्वामित्व प्रमाण-पत्र योजना के तहत प्रॉपर्टी के मालिकों का सत्यापन वार्ड कमेटी में शामिल सदस्य ही करेंगे। इन कमेटियों में शामिल सदस्यों के नामों में बदलाव करने के लिए नगर निगम आयुक्त की अनुमति लेना अनिवार्य है। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी प्रॉपर्टी की सूची नगर निगम की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।शुक्रवार को मानेसर नगर निगम में शामिल सभी 30 गांवों के पूर्व सरपंच, जो वार्ड कमेटी के चेयरमैन भी हैं, के साथ नगर निगम आयुक्त ने वार्ड कमेटी से संबंधित समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपने-अपने गांवों में प्राॅपर्टी को सत्यापित करने में हो रही परेशानियों के बारे में आयुक्त को अवगत करवाया। पूर्व सरपंचों ने बताया कि गांवों में लाल डोरा में ऐसी प्राॅपर्टी को भी शामिल कर लिया गया है, जोकि पहले लाल डोरा का हिस्सा नहीं थी। अब ऐसे बहुत से मकान है, जो सर्वे में लाल डोरा में दिखाए गए हैं, लेकिन वास्तविक रिकाॅर्ड के अनुसार वे लाल डोरा से बाहर की प्राॅपर्टी है।इस पर आयुक्त रेनू सोगन ने कहा कि वार्ड कमेटी मेंबर केवल उन्हीं प्राॅपर्टी को सत्यापित करें, जो वास्तविक रिकॉर्ड में लाल डोरा में दर्शायी गई है। जिन प्रॉपर्टी में किसी प्रकार का कोई केस माननीय न्यायालय में लंबित है, ऐसी संपत्तियों को भी सत्यापित न किया जाए। पूर्व सरपंचों ने वाॅर्ड कमेटी से ऐसे नामों को हटाने का सुझाव दिया, जो प्रॉपर्टी सत्यापित करने में आमजन को परेशान करते हैं या सत्यापित करने से मना कर देते हैं।इस पर आयुक्त ने कमेटी में बदलाव करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। आयुक्त ने पूर्व सरपंचों से अपील करते हुए कहा कि लाल डोरा स्वामित्व प्रमाण पत्र योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है।इस काम को प्राथमिकता और ईमानदारी से करें। इस दौरान नगर निगम में शामिल सभी गांवों के पूर्व सरपंच, नंबरदार, नगर निगम मानेसर के अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र कुमार, जेडटीओ देवेंद्र कुमार, सहायक उदय सिंह, मीनू बत्रा मौजूद रहे।