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गुरुग्राम धीरेंद्र ब्रह्मचारी की 2400 करोड़ की जमीन टेकओवर करेगी सरकार

05:00 AM Mar 29, 2025 IST
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 मार्च
योगगुरु रहे धीरेंद्र ब्रह्मचारी की गुरुग्राम स्थित बेशकीमती जमीन अब सरकार के कंट्रोल में होगी। ब्रह्मचारी के ‘अपर्णा संस्थान’ को सरकार चलाएगी और इसमें प्रशासक की नियुक्ति होगी। गुरुग्राम में जमीन की कीमत 2400 करोड़ रुपये से अधिक है। यह संस्था दिल्ली में रजिस्टर्ड है। ब्रह्मचारी की संस्था के नाम जम्मू में भी काफी जमीन थी। इस जमीन को जम्मू-कश्मीर सरकार अपने कंट्रोल में ले चुकी है।
शुक्रवार को विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने ‘अपर्णा संस्था (प्रबंधन एवं नियंत्रण ग्रहण) विधेयक-2025’ ध्वनिमत से पारित किया। कांग्रेस ने सरकार के इस विधेयक का विरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेसियों ने विधेयक के विरोध में सदन से वॉकआउट भी किया।
कांग्रेस के विरोध को खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी की मृत्यु होने के बाद उक्त संस्था दो गुटों में बंट गई। पिछले करीब तीस वर्षों से इनमें मुकदमेबाजी चल रही है और संस्थान निष्िक्रय हो गया है। सरकार की मंशा है कि संस्थान की जमीन किसी गलत हाथों में न जाए। शुक्रवार को राव नरबीर सिंह ने जैसे ही सदन में विधेयक पर चर्चा शुरू की तो रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने इसका विरोध किया। बाद में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस पर आपत्ति जताई।
बतरा ने दलील दी कि यह मामला केंद्र सरकार या दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है। हरियाणा सरकार विधेयक पारित नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में विधेयक टिक नहीं पाएगा। राव नरबीर सिंह ने कहा कि जम्मू में भी ब्रह्मचारी की जमीन को लेकर विधेयक पास हो चुका है। धीरेंद्र ब्रह्मचारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व़ इंदिरा गांधी के योगगुरु थे। 9 जून, 1994 को हवाई जहाज दुर्घटना में उनका निधन हो गया था।

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भूपेंद्र हुड्डा का सवाल, सीएम का जवाब
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार संस्थान की जमीन को 145 अनुच्छेद के तहत अटैच करेगी या नहीं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य स्वामी धीरेंद्र ब्रह्मचारी के जनकल्याण के विचारों को आगे बढ़ाना है। उस जमीन पर योग आश्रम पहले से बना है। इस आश्रम का नियंत्रण सरकार के अधीन लेकर जन कल्याण के भाव को साकार करना है।
बतरा ने मांगी माफी, फिर वॉकआउट
विधेयक को लेकर सीएम और कैबिनेट मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद बीबी बतरा ने कहा कि सदन को यह विधेयक पारित करने का अधिकार नहीं है। इस पर भड़के स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा, ‘फिर तो सदन को बजट पास करने का अधिकार भी नहीं है।’ काफी कहासुनी भी हुई। आखिर में बतरा ने माफी मांगी।

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