मनीमाजरा (चंडीगढ़) 20 दिसंबर (हप्र )डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टर यूनियन के प्रधान धर्मवीर राणा ने चंडीगढ़ नगर निगम की नीतियों पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने बताया कि मार्केट एरिया, कमर्शियल इलाकों और गांवों में कार्यरत गारबेज कलेक्टरों को उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम पिछले दो वर्षों से प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल में गारबेज चार्ज वसूल कर रहा है, लेकिन इस राशि का कोई सीधा लाभ गारबेज कलेक्टर्स को नहीं दिया जा रहा है। साथ ही रिहायशी इलाकों में कार्यरत कलेक्टर्स की मृत्यु के बाद उनके परिवारों को काम ट्रांसफर करने में निगम द्वारा छह महीने से अधिक का समय लगाया जा रहा है।इससे गारबेज कलेक्टर्स के परिवारों में गहरा असंतोष है। धर्मवीर राणा ने अपनी मांगों के संदर्भ में बताया कि बिना गारबेज कलेक्टर्स की सहमति के प्रॉपर्टी टैक्स में गारबेज चार्ज जोड़ा गया है। यूनियन इस कदम का विरोध कर रही है। राणा ने कहा कि गारबेज कलेक्टर्स के योगदान से ही चंडीगढ़ ने स्वच्छता रैंकिंग में सुधार किया है। लेकिन निगम द्वारा उनकी समस्याओं की अनदेखी से यह स्थिति खराब हो सकती है। मृत्यु के बाद कलेक्टर्स के परिवारों को काम ट्रांसफर करने में देरी से असंतोष बढ़ रहा है। इसके अलावा रिहायशी इलाकों में लागू अस्थायी एमओयू को दीर्घकालिक बनाया जाए, गारबेज चार्ज लगाने से पहले यूनियन से परामर्श किया जाए और कलेक्टर्स के कार्य ट्रांसफर की प्रक्रिया को तेज़ किया जाए। उन्होंने हड़ताल की चेतावनी देते हुए कहा कि गारबेज कलेक्टर्स का धैर्य अब टूट चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो यूनियन मजबूर होकर हड़ताल पर जाएगी।