मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

किसान संगठन बढ़े एकजुटता की ओर

05:00 AM Jan 14, 2025 IST
पातड़ां में बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब किसान नेता। -ट्रिब्यून

संगरूर/ चंडीगढ़, 13 जनवरी (निस/ एजेंसी)
किसानों की मांगों को लेकर साझा आंदोलन चलाने के इरादे से सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने पटियाला जिले के पातड़ां में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। किसान संगठनों ने एकजुटता पर जोर देते हुए 18 जनवरी को फिर बैठक करने का फैसला किया है। बैठक में विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया, लेकिन ‘एकता’ पर फिलहाल मुहर नहीं लग पायी।
खनौरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन चला रहे किसान नेताओं के साथ बैठक में एसकेएम की समन्वय समिति के सभी छह सदस्य- जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, रमिंदर सिंह पटियाला, डॉ. दर्शनपाल और कृष्ण प्रसाद शामिल हुए।
बैठक के बाद तीनों संगठनों के नेताओं ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा, ‘लोग चाहते हैं कि सभी एकजुट होकर लड़ें।’ एसकेएम नेता उगराहां के अनुसार, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसान संगठनों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारे दुश्मन और मुद्दे एक हैं। हमें संयुक्त लड़ाई लड़नी है।’ इस बीच, किसानों ने कृषि विपणन पर केंद्र की मसौदा नीति की प्रतियां जलाईं। उधर, जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 49वें दिन भी जारी रहा। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी तबीयत हर पल बिगड़ रही है और उन्हें बोलने में समस्या आ रही है।

Advertisement

खाप नेता बोले- सकारात्मक संकेत :

हिसार (ट्रिन्यू) : एसकेएम की अन्य किसान संगठनों के साथ बैठक को हरियाणा की खाप पंचायतों ने एकजुटता की दिशा में सकारात्मक संकेत माना है। खाप पंचायतों की 11 सदस्यीय समिति के संयोजक सतीश चेयरमैन ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मांगों के समर्थन में आंदोलन के लिए विभिन्न किसान संगठन एक मंच पर आ गये हैं। हमने उनसे हाथ मिलाने का आह्वान किया है और बाद में खाप समर्थन का आश्वासन दिया है। अब, लगभग 5-6 संगठनों के किसान नेताओं ने पंजाब के पातड़ां में अच्छे माहौल में चर्चा की। यह एक सकारात्मक संकेत है। किसान संगठनों और उनके नेताओं ने खाप पंचायतों की एकता की अपील सुनी है।

Advertisement
Advertisement