किसानों के पंजाब बंद से आवागमन प्रभावित
अम्बाला शहर, 30 दिसंबर (हप्र)
किसानों के पंजाब बंद का अम्बाला में भी पूरा असर देखने को मिला। हालांकि आम जनजीवन पूरी तरह से सामान्य ही रहा लेकिन अम्बाला जंक्शन पर रेल यात्री बड़ी संख्या में फंसे रहे। पंजाब की ओर जाने वाली यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब की ओर जाने वाली बस सेवाएं पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। पंजाब से बस न तो कोई बस अड्डे पर पहुंच रही है और न ही पंजाब की तरफ जा रही है। किसानों द्वारा सुबह 7 से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद करने की कॉल दी गई है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। बसों की आवाजाही बंद है। दिल्ली पानीपत से आने वाली यात्रियों को अंबाला बस स्टैंड पर ही उतारा जा रहा है। यात्रियों के बंदोबस्त के लिए अंबाला छावनी में रेन बसेरा है अगर इन्हें जरूरत पड़ती है तो इन्हें वहां रूकवा दिया जाएगा। सुबह से यात्री बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। बसें न मिलने के कारण काफी लोग अन्य साधनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक जा रहे थे। हालांकि रविवार को पुलिस द्वारा रूट डायवर्ट प्लान भी जारी किया था जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो लेकिन कई को यहां पहंचकर ही पंजाब बंद का पता चला। यात्रियों ने बताया कि वे बिहार से आए हैं उन्हें नहीं पता था कि आज पंजाब बंद है, अगर उन्हें पता होता तो वे यहां पर नहीं आते। वे सुबह 5 बजे से बस का इंतजार कर रहे हैं। वहीं बस स्टैंड पर इंतजार कर रहे छात्रों ने बताया कि वे लखनऊ से आए हैं। उन्हें मनाली घूमने जाना था। उनकी ट्रेन चंडीगढ़ की थी और वह कैंसिल हो गई। बस स्टैंड आकर देखा तो यहां पर बसें भी नहीं चल रही है। अब देखते हैं आगे क्या होगा। रेलगाड़ियां बंद होने और बस सेवा नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी और परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्री ठंड में ठिठुरते नजर आए। अनेक यात्रियों का कहना था कि आंदोलन के दौरान बसों व ट्रेनों को नहीं बंद किया जाना चाहिए। कुछ यात्रियों ने बताया कि वह विभिन्न कार्यों के लिए पंजाब जा रहे थे लेकिन ट्रेनें रद होने के कारण अब उन्हें अम्बाला में ही रूकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रुटीन में आवागमन करने वाले यात्रियों की माने तो अब तो आंदोलन देश की नियति ही बन चुके हैं। कुछ दिन पहले भी पंजाब में रेलें रोकी गई थी, आज बंद कर दी गई, ऐसे में सरकार या तो संबंधित से बातचीत के माध्यम से रास्ता निकाले या ऐसे आंदोलनों पर सदा के लिए प्रतिबंध लगा दे।