कर्तव्य पथ पर दिखेगी हरियाणा की समृद्धि और संस्कृति
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेश्का केएम पांडुराज बुधवार को नयी दिल्ली स्थित आरआर (राष्ट्रीय रंगशाला) कैंप में हरियाणा की झांकी को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा की झांकी के अग्र भाग में कुरुक्षेत्र के पवित्र ज्योतिसर तीर्थ पर महाभारत युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश देने का चित्रण किया है। यह वह दिव्य संदेश है, जो श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से संपूर्ण मानव जाति को दिया था। यह भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में हरियाणा के स्थाई योगदान का प्रमाण है।
झांकी के मध्य भाग में सूरजकुंड मेले से प्रेरित एक शिल्प गाड़ी को दर्शाया गया है, जिसके माध्यम से हरियाणा की कला व हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया है। शिल्प गाड़ी के पीछे ‘हरियाणवी ताऊ’ को लेपटॉप पर काम करते हुए दिखाया है, जो इस बात को दर्शाता है कि आज हरियाणा का किसान सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग अपने दैनिक जीवन और खेती को समृद्ध करने के लिए कर रहा है और ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ जैसे पोर्टल के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है।
‘हरियाणवी ताऊ’ के पास स्कूल की वर्दी में दो लड़कियों को दिखाया गया है, जो हरियाणा की महिला सशक्तीकरण और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रमों के कारण आई लैंगिक समानता का प्रतीक हैं। पांडुरंग ने बताया कि झांकी के पिछले हिस्से में गुरुग्राम की गगनचुंबी इमारतों, आधुनिकीकरण और शहरीकरण का मिश्रण दिखाया गया है। इस खंड में दर्शाया गया है कि हरियाणा किस प्रकार प्रौद्योगिकी, तकनीक व नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना है।
पीपीपी मॉडल पर गुरुग्राम का आधुनिकीकरण और सॉफ्टवेयर निर्यात में अग्रणी होना नये व समृद्ध हरियाणा की पहचान है। टेक्नोलोजी के एडवांसमेंट के साथ-साथ हरियाणा स्टार्टअप व इनोवेशन में भी अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि झांकी के अंतिम खंड में गगनचुंबी इमारत पर हरियाणा के ओलंपियन खिलाड़ी लाइव खड़े होंगे, जिनके माध्यम से हरियाणा की खेल उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।