‘एनपीएस न यूपीएस, हमें चाहिए ओनली ओपीएस’
चंडीगढ़, 27 अगस्त (ट्रिन्यू)
ओल्ड पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर शुरू से ही अपने स्टैंड पर कायम रहने वाली भाजपा ने कर्मचारियों के विरोध के चलते न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का ऐलान किया है। कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस को सिरे से नकारते हुए आरोप लगाया है कि कार्पोरेट घरानों की मांग पर यूपीएस लागू की जा रही है। कर्मचारियों को न एनपीएस चाहिए, न यूपीएस। उन्हें केवल ओपीएस ही लेनी है।
केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में 26 सितंबर को ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने देशभर में विरोध प्रदर्शन करने ऐलान किया है। फेडरेशन का कहना है कि प्रदर्शन से पहले यूपीएस के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियां से कर्मचारियों को जानकारी देने और प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मंगलवार को यहां कहा कि कर्मचारियों की कभी भी एनपीएस में कोई भी संशोधन या सुधार की मांग नहीं रही है।
कर्मचारियों की मांग पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व झारखंड आदि राज्यों व कर्मचारियों का पीएफआरडीए में जमा अंशदान को वापस करने और ईपीएस 95 के लाभार्थियों को भी ओपीएस में शामिल करने की रही है। इस मांग को लेकर आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन व अन्य संगठन निरंतर आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट्र के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। झारखंड में हड़ताल चल रही है और हरियाणा व जेएंडके के कर्मचारी भी आंदोलन की राह पर है। उन्होंने कहा कि इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। सरकार ने यूपीएस की घोषणा करके चुनावी लाभ लेने का प्रयास किया है। लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलेगी। लाम्बा ने कहा कि केंद्र सरकार ने यूपीएस स्कीम में सरकार ने अंशदान बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है।
हरियाणा में भी होगा और विरोध
लाम्बा का कहना है कि हरियाणा में केंद्र की नई योजना – यूपीएस का और भी विरोध होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा में सामान्य वर्ग के लोग अधिकतम 42 वर्ष तथा एससी-बीसी और महिलाएं 47 वर्ष की उम्र तक सरकारी नौकरी में प्रवेश कर सकते हैं। 42 वर्ष की उम्र में भी अगर किसी को नौकरी मिली तो 16 वर्षों की सर्विस यानी 58 वर्ष की उम्र में वह रिटायर हो जाएगा। लाम्बा का कहना है कि केंद्र ने 25 वर्षों की सर्विस की शर्त भी इसलिए लगाई है ताकि अधिकांश कर्मचारियों को यूपीएस से भी बाहर किया जा सके।