एनएसए डोभाल के घर से बचाया गया 'घुसपैठिया'
नयी दिल्ली, 15 मार्च
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के आवास के सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में जमीन पर पड़ा एक असहाय 'घुसपैठिया' देखकर सुरक्षा कर्मियों में चिंता की लहर दौड़ गयी। यह घुसपैठिया दरअसल एक घायल काली चील थी। शिकारी पक्षी, उड़ान भरने में असमर्थ, फर्श पर निश्चल पड़ा था- उसके पंख पर चोट थी, उसकी तेज आंखें परेशानी से धुंधली हो गयी थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों से मुकाबले के लिए प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों को वन्यजीव बचाव का भले ही कोई अनुभव नहीं था, लेकिन वह तुरंत हरकत में आये। उन्होंने वन्यजीव एसओएस आपातकालीन हेल्पलाइन से संपर्क किया, ताकि पक्षी को तत्काल देखभाल मिल सके। सुरक्षा कर्मियों ने चील को सावधानी से एक बॉक्स में सुरक्षित कर दिया, ताकि उसे और अधिक नुकसान न पहुंचे। कुछ ही क्षणों बाद, वाइल्डलाइफ एसओएस बचाव टीम पहुंच गयी। टीम ने घायल चील को चिकित्सा उपचार और पुनर्वास के लिए पारगमन सुविधा केंद्र में पहुंचाया, जहां समय के साथ दौड़ शुरू हुई। पशु चिकित्सक द्वारा गहन जांच के बाद, चील के पंखों की चोटों का उपचार किया गया और उसे निगरानी में रखा गया। धीरे-धीरे उसने अपनी ताकत वापस पा ली। उसके पंख एक बार फिर आसमान को गले लगाने के लिए दोबारा तैयार हो गये। पुनर्वास के बाद, अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी चील को ऊंची उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने शहरी वन्यजीवों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह घटना चील जैसे पक्षियों की सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है, जो अक्सर इमारतों और अन्य मानव निर्मित संरचनाओं से टकराकर घायल हो जाते हैं।' वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने सुरक्षा कर्मचारियों की प्रशंसा की और कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई इस पक्षी की जान बचाने में मददगार रही।
संकट में फंसे जानवर को बचाना आसान नहीं होता। कई बार बचावकर्मियों को उसके गुस्से का सामना करना पड़ता है। दिल्ली में अग्निशमन सेवा मौके पर पहुंचकर बेजुबान जानवरों की जान बचाने की जिम्मेदारी निभा रहा है। दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों ने 2023 में 7,000 से अधिक पक्षियों और जानवरों को बचाया।