For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

उधार का जीवन

04:00 AM Dec 15, 2024 IST
उधार का जीवन
Advertisement

राजेंद्र कुमार कनोजिया

Advertisement

उधार का
जीवन जीते हैं, हम।
सांसें हमारी,
हवा पेड़ की,
भूख हमारी
फल पेड़ का,
प्यास हमारी
जल नदी का ,
नदी बारिशों वाली।
घर, मिट्टी, सीमेंट
गारे के,
सब ज़मीन का।
हमारा कुछ भी नहीं,
न जल, न ज़मीन
न धरती, न आसमान
केवल रजिस्ट्री हमारे नाम की,
और थोड़ा-सा गुरूर,
जाने किस बात का।

Advertisement
Advertisement
Advertisement