उच्च पद और सामाजिक गरिमा
एक महिला रोजाना ट्रेन से अमेरिका के फिलाडेल्फिया से न्यूयॉर्क अपने कार्यालय जाती थी। एक दिन उसे देर हो गई और स्टेशन पर पहुंची तो जो डिब्बा सामने दिखा, उसमें ही चढ़ गई। डिब्बा लगभग खाली था। उसमें उसके अलावा केवल एक आदमी और था। वह बड़ी खुश हुई कि आज उसे भारी भीड़ के साथ सफर नहीं करना पड़ेगा। प्रसन्न भाव से महिला उस आदमी के सामने वाली सीट पर जाकर बैठ गई। कुछ देर बाद उस आदमी ने सिगार जलाकर पीना शुरू कर किया। एक सिगार खत्म होने पर वह दूसरा शुरू कर देता। कुछ देर तो महिला ने यह सब सहन किया, किन्तु फिर वह भड़क उठी और बोली, ‘शायद तुम्हें पता नहीं कि आगे धूम्रपान करने का एक डिब्बा भी है। यदि तुम्हें सिगार पीना है तो वहां क्यों नहीं चले जाते? तुम किसी भी डिब्बे में बैठकर धूम्रपान नहीं कर सकते।’ उस व्यक्ति ने बिना कुछ कहे सिगार बुझाकर पुस्तक पढ़ना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उस डिब्बे में टीटी आया और वहां महिला को देखकर चकित रह गया। वह धीरे से बोला, ‘मैडम, आपको इस डिब्बे में नहीं बैठना चाहिए था। यह जनरल ग्रांट का निजी डिब्बा है। अगले स्टेशन पर महिला संकुचाकर उतर गई। अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल ग्रांट ने नजर उठाकर उस महिला को देखा तक नहीं, क्योंकि वे उसे शर्मिंदा नहीं करना चाहते थे।
प्रस्तुति : सतपाल