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हंगामेदार रही जीरकपुर नगर परिषद की बैठक

08:41 AM Sep 01, 2023 IST
जीरकपुर नप की बैठक से वाकआऊट करके बाहर गए आप के पार्षद। -हप्र
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जीरकपुर, 31 अगस्त (हप्र)
शहर के विकास कार्यों को लेकर 4 महीने बाद बृहस्पतिवार को बुलाई गई नगर परिषद सदन की दूसरी बैठक हंगामेदार रही। बैठक की अध्यक्षता नप के अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों ने की। बैठक में आरडब्ल्यूए ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव चौधरी के नेतृत्व में पार्षदों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने पिछले ढाई साल से शहर के रुके हुए विकास कार्यों पर विरोध जताया। परिषद ने करोड़ों रुपये होने के बावजूद शहर की सड़कों की खराब हालत, अध्यक्ष द्वारा हर महीने बैठक न बुलाने और शहर की गंदगी, जलापूर्ति, सीवेज और ड्रेनेज की दुर्दशा पर नाराजगी जताई है। उन्होंने वर्ष 2022-23 के दौरान विकास के नाम पर नगर परिषद द्वारा गबन किये गये 117 करोड़ की विजिलेंस जांच की मांग करते हुए कहा कि जनता द्वारा चुने गये पार्षदों द्वारा शहर के विकास को कोई दिशा नहीं दी जा रही है। इस बीच जेएसी सदस्यों की अकाली दल के पार्षदों से बहस भी हुई जिसके चलते आधे घंटे तक किसी एजेंडे पर चर्चा नहीं हो सकी। जिसके बाद एसएचओ जीरकपुर सिमरजीत सिंह शेरगिल आए और मीटिंग हॉल में घुसे बाहरी लोगों को बाहर निकाला, जिसके बाद मीटिंग के 16 एजेंडों पर एक-एक कर चर्चा शुरू हो सकी। बैठक के दौरान शहर के 31 वार्डों में पार्षदों ने सफाई पर सवाल पूछे। विकास कार्य ठप होने पर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने किया वॉकआउट किया।
इस मौके पर नगर परिषद जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी रवनीत सिंह, नगर निगम इंजी नियर शैली राज गर्ग, एसडीओ जितिंदर बैंस मौजूद रहे।
शहर में फॉगिंग, सीवरेज कार्य, 2 प्रतिशत विज्ञापन देने, 13 वेरका बूथों का निर्माण, शहरी वन का निर्माण, गाजीपुर की सरकारी भूमि पर नानक उद्यान की स्थापना और सिंघपुरा ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य में सुधार न होने पर विचार किया गया और पारित किया गया। इस मौके पर वार्ड नंबर 5 की पार्षद नेहा शर्मा ने नगर परिषद अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि बैठक का एजेंडा तैयार करते समय पार्षदों से कोई सलाह नहीं ली गई, इसलिए इस एजेंडे में शहर के विकास का कोई एजेंडा नहीं है।

एक नवंबर को होगा आंदोलन

लंबे समय से शहर की समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ज्वाइंट एक्शन कमेटी जीरकपुर (जेएसी) के अध्यक्ष सुखदेव चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग जीरकपुर नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। मासिक बैठक में आए नगर परिषद अध्यक्ष और वार्डों के निर्वाचित पार्षदों से जवाब मांगा गया कि वे वे बैठक कर चले जाते हैं, जबकि करोड़ों रुपये का बजट होने के बावजूद जीरकपुर शहर में विकास ठप पड़े हैं। चौधरी ने शहर के रुके हुए विकास कार्यों को शुरू कराने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 30 सितंबर तक सडक़ों की मरम्मत की कागजी प्रक्रिया पूरी कर 31 अक्टूबर तक सडक़ों की मरम्मत नहीं करायी गयी, तो उनके संगठन के सदस्य शहर की जनता को साथ ले एक नवंबर को आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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