नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (एजेंसी)भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत ‘शून्य-के-लिए-शून्य' शुल्क रणनीति की संभावना नहीं है, क्योंकि दोनों देश आर्थिक वृद्धि के अलग-अलग स्तर पर हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह कहा है। कुछ व्यापार विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि भारत अमेरिका के जवाबी शुल्क वृद्धि से निपटने के लिए अमेरिका को ‘शून्य-के-लिए-शून्य' शुल्क रणनीति का प्रस्ताव दे सकता है।एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच शून्य-से-शून्य शुल्क संभव हो सकता है क्योंकि दोनों ही विकसित और उन्नत राष्ट्र हैं। अधिकारी ने कहा कि भारत-अमेरिका समझौता हमेशा एक ‘पैकेज' समझौता होगा जिसमें सामान और गैर-शुल्क बाधाओं जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। भारत और अमेरिका मार्च से बीटीए पर बातचीत कर रहे हैं।दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। अधिकारी ने कहा, समझौते के लिए काम शुरू हो गया है। व्यापार समझौते पर बातचीत करने में भारत अन्य देशों से बहुत आगे है।भारत और अमेरिका ने समझौते के तहत आने वाले हफ्तों में क्षेत्र-विशिष्ट वार्ता आयोजित करने का फैसला किया है। आने वाले हफ्तों में चर्चा करने का फैसला भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चार दिनों की वार्ता के बाद लिया गया है, जो 29 मार्च को यहां संपन्न हुई थी।