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लिंग अनुपात की चिंता
नौ नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘हरियाणा की विफलता’ का विश्लेषण करने वाला था। हरियाणा में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान कुछ हद तक सफल रहा, जिससे लिंग अनुपात में सुधार हुआ—2015 में 876 से बढ़कर 2019 में 923 हो गया। लेकिन 2023 के अक्तूबर में यह घटकर 905 रह गया, और गुरुग्राम में यह केवल 859 था। इसका मुख्य कारण पितृसत्तात्मक मानसिकता, कन्या भ्रूण हत्या और बेटियों को लेकर असुरक्षा की भावना है। हरियाणा की बेटियों ने खेल और शिक्षा में शानदार प्रदर्शन किया, फिर भी लिंग अनुपात में गिरावट चिंता का विषय है।
शामलाल कौशल, रोहतक
प्रदूषण पर सख्ती
दैनिक ट्रिब्यून के ग्यारह नवंबर के संपादकीय ‘प्रदूषकों को दंड’ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा वायु और मृदा प्रदूषण फैलाने के कारण एक प्लांट पर 6.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह निर्णय प्रदूषण फैलाने वाली अन्य इकाइयों के लिए चेतावनी है। पानीपत में प्रदूषण से सांस की बीमारियां और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। ट्रिब्यूनल का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है। पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल पौधे लगाना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि वे बड़े होकर पर्यावरण सुधार में योगदान दें।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
सतर्कता की आवश्यकता
चीन से आयातित सस्ते उत्पाद, जैसे खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक सामान, कभी-कभी सुरक्षा जोखिम उत्पन्न करते हैं। बैटरी फटना, आदि अन्य दुर्घटनाएं इसके उदाहरण हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान में गोपनीय रूप से ऐसे तत्व डाले जाते हैं, जिनका उद्देश्य दुर्घटनाएं या नुकसान पहुंचाना हो सकता है। हमें देश में बने उत्पादों पर भरोसा रखना चाहिए और चीनी उत्पादों पर सतर्क रहना चाहिए। सुरक्षा और सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
संजय वर्मा, धार, म.प्ऱ
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