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हमारी जवाबदेही
इन दिनों श्राद्ध पक्ष में सनातनधर्मी अपने पूर्वजों को याद कर रहे हैं, जबकि नवरात्रों में दुर्गा माता की पूजा होगी। इस बीच, एक प्रश्न उठता है: भगवान राम ने कहा कि सभी महिलाओं को माता या बहन के समान समझो। फिर ऐसे लोग जो डांस बार में महिलाओं का शोषण करते हैं या स्पा में अनैतिक गतिविधियों में लिप्त हैं, उनके लिए श्रीराम का संदेश कैसे लागू होगा? कानून तो शायद प्रभावी नहीं होगा, लेकिन जागरूक समाज, संतजन और धार्मिक व्यक्ति इस विकृति को नकार सकते हैं। हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और समाज में बदलाव लाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
यादों में येचुरी
चौदह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में इंद्रजीत सिंह का लेख ‘राजनीति के साथ दिलों को जीतने का हुनर’ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वे वामपंथी विचारक, संविधान विशेषज्ञ और धर्म-राजनीति को अलग रखने के पक्षधर थे। रामायण और महाभारत के संदर्भों का उपयोग उनके भाषणों में होता था। आपातकाल के विरोध में उन्हें जेल भेजा गया और भाजपा के विरोध में इंडिया गठबंधन की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जेएनयू में छात्र संघ के नेता के रूप में वे कठिन परिस्थितियों में भी समाधान खोजने में सक्षम थे।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
कश्मीर की दिशा
तीन परिवारों-दलों ने जम्मू-कश्मीर को बरसों तक कमजोर किया और अपनी सुविधाएं बढ़ाईं। इनमें नेशनल काॅन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं। सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करके जम्मू-कश्मीर को एक देश, एक संविधान के तहत लाने का निर्णय लिया। इससे आतंकवाद कम हुआ है। अब वहां व्यापार और पर्यटन बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात भी कही।
शकुंतला महेश नेनावा, इंदौर, म.प्र.