For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आपकी राय

06:34 AM Aug 17, 2024 IST
आपकी राय

जलवायु अनुकूल फसलें
प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में ज्यादा पैदावार वाली जलवायु अनुकूल और जैव-सशक्त फसलों की 109 किस्में जारी की हैं। ये फसलें हर प्रकार के मौसम में भरपूर पैदावार देती हैं। ऐसी फसलें भारत में बड़े पैमाने पर उपयोग में लाये जाने पर एक नई हरित क्रांति का जन्म होगा। देश की बढ़ती हुई आबादी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्यान्न की घटती उपलब्धता को देखते हुए इन फसलों की सख्त जरूरत है। सरकार को कृषकों को नगद राशि देने के बजाय यह उन्नत किस्म के बीज मुफ्त वितरित करना चाहिए। इसके साथ ही तहसील स्तर पर इन्हें बोने और फसल लेने तक की तकनीक उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए।
सुभाष बुडावनवाला, रतलाम, म.प्र.

Advertisement

कड़ी सज़ा मिले
हाल ही में कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर घटने वाली घटनाएं बताती हैं कि राज्य के हालात ठीक नहीं हैं? राज्य की मुख्यमंत्री का इस मामले में बड़े बवाल के बाद कार्रवाई का मन बनाने को आखिर क्या समझा जाए? राज्यपाल के साथ आए दिन होने वाले विवादों की वास्तविकता भी आसानी से समझी जा सकती है। राज्य सरकार को चाहिए कि हत्याकांड के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दे।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.

कसौटी पर खरी
चार अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में सीमा गुप्ता की ‘सालगिरह’ कहानी दिल की गहराइयों को छूने वाली रही। घर गृहस्थी में पति-पत्नी का वैचारिक सामंजस्य घरेलू सुख-शांति, समृद्धि खुशियों का परिचायक है, जिसमें शादी की सालगिरह वर्ष में नहीं, हर रोज़ मनती है। कथा नायक-नायिका शैलेंद्र-शालिनी का आपसी मन-मुटाव, गृह क्लेश से दूर रहने की प्रेरणा बन सामाजिक कसौटी पर खरी उतरती है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

Advertisement

Advertisement
Advertisement
×