मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:38 AM Aug 03, 2024 IST
Advertisement

तोल-मोल के बोल
इकतीस जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘माननीयों की फिसलती जुबान और जवाबदेही’ सांसदों तथा विधायकों द्वारा असंसदीय भाषा के प्रयोग पर आपत्ति करने वाला था। माननीयों का आचरण तथा भाषा आदर्श, गरिमामय तथा मर्यादित होनी चाहिए। संसद के पहले ही सत्र में दोनों पक्षों ने आरोप-प्रत्यारोप लगाते समय संवैधानिक भाषा तथा आचरण का अतिक्रमण किया है। बेशक अध्यक्ष किसी भी सदस्य द्वारा बोले गए असंवैधानिक भाषण के अंश या शब्दों को सदन की कार्रवाई में से निकाल देते हैं परंतु याद रखना चाहिए कि उनकी सब बातें टीवी पर सीधा प्रसारण होने के कारण देश की जनता द्वारा सुनी-देखी जा रही हैं। माननीयों को संसद में भाषा का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक

सख्त कार्रवाई हो
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत ने एक बार फिर नियमों के पालन और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। एनओसी लेने के लिए सरकार को कुछ दिखाना और उपयोग किसी और तरीके से करना सरासर जुर्म है। जिसका खमियाजा छात्रों को अपनी जान गंवा कर भुगतना पड़ा। सरकार को ऐसे कोचिंग सेंटरों पर सख्त कार्रवाई कर उन्हें बंद कर देना चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

Advertisement

शर्मनाक हरकत
लखनऊ के गोमती नगर में कुछ युवाओं द्वारा स्कूटर सवार एक व्यक्ति और महिला पर गंदा पानी फेंकने और महिला के साथ छेड़खानी का मामला शर्मसार करने वाला है। इन युवाओं की हरकतों के कारण महिला स्कूटर से नीचे गंदे पानी में भी गिर गई थी। यूपी के मुख्यमंत्री ने इस घटना का संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई की है। इसके लिए मुख्यमंत्री और यूपी पुलिस प्रशासन की सराहना की जानी चाहिए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

Advertisement
Advertisement