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ज्ञान का गौरव
प्रधानमंत्री का आह्वान हमें गौरवान्वित करता है कि भारत को ज्ञान और शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य है। यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय जो इतिहास बन चुका है, प्रधानमंत्री द्वारा नवनिर्मित विश्वविद्यालय परिसर के उद्घाटन के साथ ही पुनर्स्थापित हो रहा है। यह कथन भी महत्वपूर्ण है कि आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती हैं। कहा जाता है कि इतिहास अपने आप को दोराहता है और नालंदा विश्वविद्यालय की पुनः स्थापना इस कथन को चरितार्थ करती है। आशा है कि आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का महान अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र बने।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
रोके जाएं हादसे
उन्नीस जून के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘हादसों की हद’ कंचनजंगा एक्सप्रेस तथा मालगाड़ी टक्कर से ग्यारह लोगों के मरने और लगभग चालीस जख्मी होने का वर्णन करने वाला था। देश में रेल हादसे के बाद कुछ समय तक शोर शराबा, राजनीति, सजा देने की बात, जांच कमेटी बिठाना, मृतकों-जख्मी लोगों को आर्थिक सहायता देने की बात कही जाती है। लेकिन रेल हादसों से कोई सबक नहीं लेते। अब तो रेल यात्रा करना भी सुरक्षित नहीं है। फिर बुलेट ट्रेन चला कर हम क्या हासिल करना चाहते हैं? यात्रियों को रेल यात्रा में सुरक्षा, सुविधा तथा समय की बचत चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क,कैथल
योगमय हो जीवन
इक्कीस जून को योग दिवस मनाया जाता है। आज इंसान जिस तनावभरी जिंदगी से गुजर रहा है, उसके लिए योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। योग मन और चित्त को शांत कर, शारीरिक फिटनेस के साथ हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है। यह हमारे सर्वांगीण विकास में सहायक है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली