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छात्रों को सुरक्षा मिले
अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के छात्रों की मौतों का निष्कर्ष है कि वहां का प्रशासन लगातार हो रहे हमलों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। कुछ संगठनों ने इन घटनाओं के मुख्य कारणों की पहचान की है, जिनमें हिंसक अपराध, संदिग्ध दुर्घटनाएं और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मानसिक मुद्दे शामिल हैं। अटकलें हैं कि समुदाय के खिलाफ नकारात्मक प्रचार से घृणा अपराध को बढ़ावा मिल रहा है। अमेरिका में विदेशी छात्रों में 25 प्रतिशत भारतीय हैं। अमेरिका को उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देना और नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
मैत्री चहल, चंडीगढ़
सचेतक विश्लेषण
नौ अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल का लेख ‘ऑनलाइन स्वाद के ज़हरीले सच की जवाबदेही’ ऑनलाइन व्यापार के खतरों के बारे में चेतावनी देने तथा जवाबदेही तय करने के बारे में वर्णन करने वाला था। ऑनलाइन ऑर्डर पर मंगवाई गई चीजों को बनाने में कई बार हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। खानपान की वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री की गुणवत्ता तथा साफ-सफाई के बारे में सरकार की तरफ से निगरानी रखने का कोई तंत्र नहीं है। लेखक ने इस सारे व्यापार में जवाबदेही, खाने की चीजों की गुणवत्ता तथा सफाई के बारे में सरकार से जो अनुरोध किया है उससे पूर्णतया सहमत हुआ जा सकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
पानी की बर्बादी रोकें
पानी के बिना प्राणी जगत का न तो कोई अस्तित्व है न भविष्य। कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों के, रेलवे स्टेशन-बस स्टैंड के और अपने कार्यस्थल पर नल का प्रयोग करके इन्हें खुला छोड़ देते हैं, जो कि जल की बर्बादी का कारण भी बनता है। जल उपयोग में छोटी-छोटी लापरवाही भी बहुत से जल को बर्बाद कर देती है। भारत में गिरता भूजल स्तर भी काफी चिंता का विषय है। अगर देश में इसी रफ्तार से भूजल स्तर गिरता रहा तो देश में रेगिस्तानों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर