For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आपकी राय

06:37 AM Jan 25, 2024 IST
आपकी राय
Advertisement

हर दिन बालिका दिवस

चौबीस जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून में योगेश कुमार गोयल का लेख ‘बेटियों के लिए बनाएं भय मुक्त समाज’ राष्ट्रीय बालिका दिवस के उद्देश्य को लेकर चर्चा करने वाला था। देश में पहली बार 24 जनवरी, 2009 को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया जिसका उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षा, अच्छा स्वास्थ्य तथा शिक्षित बचपन का अधिकार देना है। सरकार के प्रयत्नों के फलस्वरूप लिंग अनुपात में मामूली सुधार भी हुआ है। बालिकाओं ने कई क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन भी किया है। लेकिन इसके बावजूद बालिकाओं के प्रति समाज की मानसिकता जस की तस बनी हुई है। हर रोज बालिकाओं के हित के लिए उपाय करने जरूरी हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

गठबंधन के अंतर्विरोध

बिहार के मुख्यमंत्री का इंडिया गठबंधन के संयोजक पद को ठुकराना एक सामान्य घटना नहीं है बल्कि इंडिया गठबंधन के लिए यह खतरे की घंटी समझा जाना चाहिए। सत्ता के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो सकती है। जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल में विरोधाभास और विश्वास की कमी की स्थिति बनी हुई है और कांग्रेस को लेकर भी खटास बढ़ती जा रही है। दरअसल नीतीश कुमार एक महत्वाकांक्षी नेता हैं। बिहार में कांग्रेस, राजद और जनता दल (यू) का गठबंधन होने के बावजूद सीट शेयरिंग नहीं कर पाए हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

आस्था का पर्व

बाईस जनवरी देश के लिए ऐतिहासिक दिन बन गया। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव देश ने हर्षोल्लास से मनाया। दूसरे देशों में भी यह उत्सव मनाया गया। भगवान श्रीराम का बचपन का रूप देख हर किसी का मन प्रफुल्लित हो गया। इस उत्सव को देख ऐसा लग रहा था मानो कि दीपावली का त्योहार था। दुनिया को यह संदेश भी जरूर गया होगा कि देश की अनेकता में एकता की डोर कितनी मजबूत है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

Advertisement

Advertisement
Advertisement