मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

07:57 AM Aug 30, 2023 IST

कोटा के दंश

कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटना परेशान करने वाली है। ऐसी स्थिति में संस्थानों को परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना चाहिए। संस्थानों को परिसर में परामर्शदाताओं की संख्या बढ़ानी चाहिए। बच्चों को भी आश्वस्त करना चाहिए और किसी को भी हतोत्साहित महसूस करने के लिए दोषी नहीं ठहराना चाहिए। नियमित आधार पर मनोरंजक गतिविधियों और कार्यक्रम का आयोजन करना। इस त्रासदी से सबक लेकर पर्याप्त उपाय करना जरूरी है।
समृद्धि कपूर, पंचकूला

Advertisement

साझे प्रयास जरूरी

तेईस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘साझे प्रयासों से ही समरस व भाईचारे का समाज’ चर्चा करने वाला था! पूछा जा सकता है कि मणिपुर और नूंह में जो हिंसा हुई उसे रोकने के लिए साझा प्रयास क्यों नहीं किए गये। आज देश धर्म, संप्रदाय, भाषा, संस्कृति आदि के आधार पर बंटा हुआ है। चारों तरफ नफरत का माहौल बना हुआ है जिसे समाप्त करने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है।
शामलाल कौशल, रोहतक

सुनहरी जीत

अट्ठाईस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून के सम्पादकीय लेख ‘वाकई सुनहरी जीत’ के माध्यम से दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम को सच्चे अर्थों में बधाई दी है। महिला क्रिकेट टीम का आस्ट्रेलियाई दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम को नौ विकेट से हराना प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक जीत का संदेश है। अनेक दुश्वारियों के बावजूद महिला क्रिकेट टीम देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर आये तो वह प्रशंसनीय है।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़

Advertisement

नैतिकता की डोर

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते में एक नया रंग भरने और प्यार के बंधन में और मिठास घोलने के लिए रक्षाबंधन मनाया जाता है। आज जिस तरह परिवार टूट रहे, उसके लिए जरूरी है कि बच्चों को रक्षाबंधन जैसे त्योहारों का इतिहास भी समझाया जाए। त्योहार इंसान को संस्कृति और नैतिकता की डोर में बंधने का संदेश देते हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशनार्थ लेख इस ईमेल पर भेजें :- dtmagzine@tribunemail.com

Advertisement