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07:20 AM May 07, 2024 IST
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मणिपुर के दंश

छह मई के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘शांति की पहल हो’ जातीय दंगों की आग में झुलस रहे मणिपुर की दुर्दशा का विश्लेषण करने वाला था। दोनों जातियों में हिंसक झड़पों में लगभग 200 व्यक्ति मारे गए और कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया। मणिपुर का राष्ट्रीय राजनीति में कोई विशेष महत्व इसलिए नहीं है क्योंकि यहां से तो केवल दो सांसद ही चुने जाते हैं। वर्तमान संसदीय चुनाव में यहां देश में सबसे अधिक प्रतिशत मतदान हुआ। हिंसा को समाप्त करने और शांति स्थापित न करने के कारण वर्तमान सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

तार्किक सवाल

कोविड वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इस बात को निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है। कंपनी का कहना है कि मामूली से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। लेकिन विशेषज्ञ और चिकित्सा क्षेत्र के माहिर कह रहे हैं कि वैक्सीन की इस खबर से डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगर किसी को इसके साइड इफेक्ट्स नजर आए हैं तो वो डॉक्टर से संपर्क कर सकता है। दूसरा, कुछ अन्य दवाओं के भी तो साइड इफेक्ट्स होते होंगे?
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

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चीन के मंसूबे

पड़ोसी देश नेपाल के साथ सीमा पर कुछ क्षेत्रों को लेकर विवाद नई बात नहीं है, लेकिन जिस तरह से नेपाल सरकार ने सौ रुपये के नए नोट पर विवादित क्षेत्रों को अपने देश का हिस्सा दिखाने वाला नक्शा छापने का फैसला किया है, वह वाकई चौंकाने वाला है। चीन की शह पर नेपाल के शासक भारत के साथ व्यर्थ की छेड़खानी कर रहे हैं। पहले कनाडा, फिर श्रीलंका और अब नेपाल चीन के चक्रव्यूह में फंस चुके हैं। इन देशों को ही इसका खमियाजा उठाना पड़ सकता है।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म‍.प्र.

संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशनार्थ लेख इस ईमेल पर भेजें :- dtmagzine@tribunemail.com

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