2 किलोवाट तक के कनेक्शन पर नहीं देना होगा मंथली रेंट
चंडीगढ़, 15 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने दो किलोवाट तक के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम मासिक शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। यह शुल्क 115 रुपये था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस घोषणा को नायब सैनी सरकार ने शनिवार को लागू कर दिया है। साधारण तरीके से समझें तो अब हरियाणा के लोगों को बिजली के बिलों पर मंथली रेंट नहीं देना पड़ेगा। केवल बिजली की खपत के अनुसार यूनिट के हिसाब से ही पैसे देने होंगे। जिस श्रेणी में यह राहत प्रदान की गई है उसमें करीब साढ़े नौ लाख उपभोक्ता आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 23 फरवरी को बजट प्रस्ताव में सबसे गरीब लोगों को यह राहत देने का ऐलान किया था। जिसे आज लागू किया गया है। उपभोक्ताओं को इसका लाभ आने वाले बिल से मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रदेश में टैरिफ श्रेणी-1 में जहां महीने की बिजली खपत 200 यूनिट से कम है। मिनिमम मंथली सरचार्ज 2 किलोवाट तक के लोड पर 115 रुपए प्रति किलोवाट है। यह फैसला लागू होने के बाद प्रदेश में साढ़े नौ लाख गरीब परिवारों को करीब 180 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। उपभोक्ताओं को उनके कुल बिजली बिल में न्यूनतम 2 प्रतिशत से अधिकतम 91 प्रतिशत तक की राहत मिल सकती है।
ऐसे मिलेगा उपभोक्ताओं को फायदा
नए नियमों के अनुसार उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली यूनिटों के लिए भुगतान करना होगा। पहले अगर 1 किलोवाट लोड वाला परिवार एक महीने में 30 यूनिट बिजली की खपत करता था, तो बिल 115 रुपए बिल आता था, जो अब घटकर 60 रुपए रह जाएगा क्योंकि एमएमसी लागू नहीं होगा। इसी प्रकार, 2 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ता को एक माह में 30 यूनिट खप्त करने पर 230 रुपए का भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि प्रति किलोवाट लोड पर एमएमसी 115 रुपए थी। नए बिलिंग चक्र के तहत यह बिल घटकर 60 रुपए रह जाएगा,क्योंकि प्रति यूनिट शुल्क 2 रुपये है और कोई एमएमसी नहीं लगेगा।