आप अभी तक नहीं पहुंच पाई जादुई आंकड़े तक
लुधियाना, 24 दिसंबर (निस )
भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू मीडिया में लुधियाना नगर निगम के मेयर पद को लेकर चल रही अटकलबाजी पर स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी हालत में भाजपा कांग्रेस से कोई समझौता नहीं करेगी। इसे बावजूद जोड़तोड़ नियमित रूप से जारी है। शिरोमणि अकाली दल के निर्वाचित कुल दो सदस्यों में से एक द्वारा आम आदमी पार्टी में शामिल हो जाने की घोषणा के बाद आप के सदस्यों की संख्या जादुई आंकड़े से दूर है। आज रवनीत बिट्टू ने यह कहकर अटकलबाजी को पूर्ण विराम दे दिया है कि भाजपा तो कांग्रेसमुक्त भारत का संकल्प लिए हुए है। ऐसी परिस्थितियों में यह कैसे सम्भव हो सकता है। उन्होंने कहा कि 1991 में जब भाजपा और कांग्रेस के तहत भाजपा के चौधरी सत्यप्रकाश मेयर बने थे और कांग्रेस के श्री गुप्ता सीनियर डिप्टी मेयर बने उस समय की परिस्थितियां भिन्न थीं । सूत्रों के अनुसार आप के कई नेता आजाद जीत कर भाजपा में शामिल हुई एक महिला पार्षद से सम्पर्क बनाए हुए हैं । उल्लेखनीय है कि लुधियाना नगर निगम के चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिल पाने के कारण मेयर पद प्राप्त करने के लिए राजनीतिक तिकड़बाजी जारी है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी 95 सदस्यों वाले सदन में 41 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी तो बन गई है लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़ा हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई। उसके छह विधायक भी नगर परिसर में आने के कारण एक्स आफिसों निगम के सदस्य बन जाते हैं और सरकार ने उनको मतदान का अधिकार भी दे रखा है लेकिन उनके जुड़ने से सदन के सदस्य 102 हो जाते हैं और बहुमत का आंकड़ 52 बन जाता है । आप के सूत्रों अनुसार अन्य दलों और निर्दलीय पार्षदों को सत्ताधारी दल में शामिल करने के लिए प्रयास बहुत बड़े स्तर पर हो रहे हैं ।
पंजाब के ‘हित ‘ में इकट्ठे हो जायें कांग्रेस -भाजपा के सदस्य: संधू
दूसरी ओर पूर्व कांग्रेसी मेयर बलकार सिंह संधू ने कहा कि पंजाब के ‘ हित ‘ में कांग्रेस और भाजपा के सदस्य इकट्ठे हो जायें तो उनके सदस्यों की संख्या 50 हो जाती है। इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा अभी भी जोरों पर है । लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर दोनों पार्टियां के संबध देखते हुए ऐसा होने की सम्भावना बहुत कम महसूस हो रही है । इस बीच एक दिलचस्प बात उभर कर आई है कि आम आदमी पार्टी के तीन विधायक मदनलाल बग्गा, अशोक और कुलवंत सिंह सिद्धू दोनों अपने नव निर्वाचित पार्षद बेटों क्रमशः अमन बग्गा और युवराज सिंह सिद्धू को और अशोक पराशर पप्पी अपने भाई राकेश पराशर को मेयर बनाना चाहते हैं।