योगी मंत्रिमंडल ने कहा, हर-हर गंगे... अधूरी परियोजनाओं का मलाल
हरि मंगल
महाकुंभनगर, 22 जनवरी
प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित पूरी कैबिनेट ने स्नान किया, लेकिन इस दौरान अधूरी परियोजनाओं को लेकर मलाल भी रहा। हालांकि इस दौरान कई फैसले भी लिए गए।
प्रयागराज कुंभ 2019 के समय ही अनुमान किया गया था कि 2025 के महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत बढ़ेगी। त्रिवेणी तट पर 29 जनवरी 2019 को आयोजित योगी मंत्रिमंडल की बैठक में मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी लम्बा 6 लेन का गंगा एक्सप्रेसवे बनाये जाने की स्वीकृति दी गई थी। प्रधानमंत्री द्वारा इसकी नींव रखी गई थी। उस समय कहा गया था कि महाकुंभ से पहले दिसम्बर 2024 तक यह एक्सप्रेसवे तैयार हो जायेगा। इसी प्रकार लखनऊ और अयोध्या से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रयागराज के फाफामऊ में गंगा पर 9.90 किमी लम्बा 6 लेन पुल बनाये जाने की स्वीकृति कन्द्र सरकार द्वारा दी गई। यह पुल भी अक्तूबर 2024 में तैयार होना था। इस पुल के बन जाने पर प्रयागराज आने वाले देश और विदेश के लोगों को एक अलग खूबसूरती का अहसास होता लेकिन यह प्रोजेक्ट भी अधूरा रह गया। 67 पिलर पर बनने वाले इस पुल का बड़ा काम अभी बाकी है। प्रयागराज में मेट्रो रेल चलाने का प्रस्ताव अखिलेश सरकार ने पारित किया था लेकिन उसके निर्माण के लिये बजट योगी सरकार ने 2019 के बजट से दिया। यह मेट्रो रेल प्रोजेक्ट दो अलग अलग मार्गो पर चलाई जानी थी। दोनों मार्गो की कुल लम्बाई 44 किमी थी। इसमें कुल 44 स्टेशन बनने थे। बुधवार को जब मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के लिये गंगा और जमुना नदी पर एक एक नये पुल निर्माण की स्वीकृति दिये जाने के संबंध में बताया तो उसके अर्थ साफ थे कि यह तैयारी आने वाले कुंभ 2031 के परिप्रेक्ष्य में है।