Yamuna polluted एक बार फिर प्रदूषण से यमुना बेहाल
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (एजेंसी)
Yamuna polluted राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर 2020 की तुलना में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। असगपुर में जहां यमुना दिल्ली से बाहर निकलती है, वहां इसमें मल मूत्र से होने वाले प्रदूषण की सांद्रता प्रति 100 मिलीलीटर पर 79 लाख ईकाई (एमपीएन) तक पहुंच गई है। नवंबर के लिए जारी नवीनतम जल गुणवत्ता रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों से पता चला है कि यह आंकड़ा अक्तूबर में दर्ज किए गए शीर्ष स्तर से मेल खाता है, जो दिसंबर 2020 के बाद से सबसे अधिक सांद्रता थी। दिसंबर 2020 में सांद्रता प्रति 100 मिलीलीटर पर 120 करोड़ इकाई तक पहुंच गई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार मल मूत्र संबंधी प्रदूषण के प्रतीक ‘फीकल कोलीफॉर्म’ की मान्य सीमा प्रति 100 मिलीलीटर पर 2500 इकाई है।
Yamuna polluted रिपोर्ट के अनुसार यमुना पल्ला में दिल्ली में प्रवेश करती है और वहां ‘फीकल कोलीफॉर्म’ 1100 इकाई प्रति 100 मिलीलीटर है। जब नदी आगे बढ़ती है, तो उसमें मल संबंधी सांद्रता बढ़ती चली जाती है।
Yamuna polluted ऑक्सीजन शून्य
नदी के पानी में घुली ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर पल्ला (6.1 मिलीग्राम/लीटर) और वजीराबाद (5.2 मिलीग्राम/लीटर) में स्वीकार्य सीमा के भीतर बताया गया, जो जलीय जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। हालांकि, आईएसबीटी पुल पर ऑक्सीजन स्तर घटकर शून्य हो गया है और दिल्ली से बाहर निकलने तक वह शून्य ही है। शून्य डीओ स्तर आमतौर पर मृत नदी पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है।