Wular Lake : तीन दशक बाद खिला सौंदर्य...वुलर झील में लौटे कमल के फूल; लोगों ने बताया चमत्कार
06:26 PM Jul 12, 2025 IST
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बांदीपोरा (जम्मू कश्मीर), 12 जुलाई (भाषा)
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Wular Lake : लगभग तीन दशकों के बाद, उत्तरी कश्मीर में वुलर झील में एक बार फिर कमल खिले नजर आ रहे हैं। यह 1992 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद किए गए संरक्षण प्रयासों के कारण संभव हो पाया है। बाढ़ में झील के समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाया था। वुलर झील एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है।
झील में उगे कमल न केवल पारिस्थितिकी के लिए अहम हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। कुल 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली झील की लंबाई लगभग 24 किलोमीटर है, जो बांदीपोरा जिले में हरमुख पर्वत श्रृंखला की तलहटी से लेकर पड़ोसी बारामूला जिले के सोपोर शहर तक फैली हुई है। एक निवासी अब्दुल हमीद ने कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। पहले स्थानीय लोग कमल के बीज झील में डालते थे, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
इससे कोई फायदा नहीं हुआ। गाद की वजह से वे उग नहीं पाए। कश्मीर घाटी में 1992 में विनाशकारी बाढ़ आई थी, जिससे जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित वुलर झील के समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा था। बाढ़ के कारण झील में भारी मात्रा में गाद जमा हो गई, जिसने वर्षों से कमल के पौधों को दबा दिया।
पिछले कुछ वर्षों में हालांकि वुलर संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा झील से गाद निकालने सहित संरक्षण प्रयासों के कारण, कमल के फूल एक बार फिर से दिखाई देने लगे हैं। झील प्राधिकरण के एक अधिकारी मुदासिर अहमद ने कहा कि पिछले साल, कमल के फिर से खिलने के संकेत मिले थे। इस साल, डब्ल्यूयूसीएमए ने झील में कमल के बीज बिखेरे, और कमल खिल गए। डब्ल्यूयूसीएमए के क्षेत्रीय अधिकारी अहमद ने कहा कि यह पैदावार (कमल) झील के लगभग तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैल गई है, तथा जलाशय के पुनरुद्धार के लिए झील से गाद निकालकर यह बदलाव लाया गया है।
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