कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने जलायी देशभक्ति की अलख
कैथल, 18 दिसंबर (हप्र)
गांव फतेहपुर के विश्वकर्मा मंदिर में प्रेम धीमान द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने देशभक्ति की अलख जगाते हुए जात और धर्म से ऊपर होकर एकजुट होने का संदेश दिया। कवि सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली व हरियाणा के कवियों व शायरों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम शिक्षा, देशभक्ति, बेटियों व सामाजिक समरसता पर आधारित रहा। दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मंच संचालन करते हुए जाने-माने शायर जनाब गुलजार जिगर देवबंदी ने कहा ‘तुम शान्ति के दीप जमाने में जला दो, रावण न कोई आए इधर रेखा बना दो, सच्चे हैं गर विचार तो खाली न जायेगा,अर्जुन की तरह तुम भी कोई तीर चला दो। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संत स्वरूप प्रेम पाल सागर कुजंपुरा ने कहा कि खून से नहीं पानी से धोया जाता है, दाग-ए -दुश्मनी मुहब्बत रूहानी से धोया जाता है। पानीपत के मशहूर शायर जनाब इक़बाल पानीपती ने कहा कि हिन्दू लिख, न मुस्लिम लिख,ना ही सिख ईसाई लिख, हम सब भाई भाई हैं, हम को भाई -भाई लिख। रोहतक के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सत्यवीर सिंह निराला ने कहा ‘युग सुंदर हो सदियां सुंदर, गर सुंदर इंसान बने, हर पल सुंदर हो जाएगा गर सुंदर इंसान बने। करनाल से रचनाकार रामेश्वर देव ने कहा कि ‘वीरों को नमन कीजिए और देश को सलाम, रोशन हैं शहीदों की शहादत से इसका नाम। झज्जर से आए कवि जय सिंह जीत ने कहा कि एक नग़मा किसी के लिए गुनगुनाना बड़ी बात है, आजकल आदमी के लिए मुस्कराना बड़ी बात है। कार्यक्रम के आयोजक प्रेम धीमान ने सभी आमंत्रित शायरों,कवियों, कवयित्रियों को शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।