For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

मालिक का नहीं, भोजन का नाम लिखें

06:40 AM Jul 23, 2024 IST
मालिक का नहीं  भोजन का नाम लिखें
सावन के पहले सोमवार से शुरू हुई कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर वापस घरों की ओर लौटते शिवभक्त। -प्रेट्र
Advertisement

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों (खाने की दुकानों) के बाहर मालिकों, कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण लिखने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया और उनसे निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा। पीठ ने मामले पर आगे की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
अदालत ने कहा कि हम उपरोक्त निर्देशों के प्रवर्तन पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझते हैं। अदालत ने कहा कि खाद्य विक्रेताओं को यह लिखने के लिए कहा जा सकता है कि उसके पास खाने के कौन से पदार्थ हैं। भोजनालयों के लिए यह लिखना आवश्यक किया जा सकता है कि वे किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, जैसे कि वे शाकाहारी हैं या मांसाहारी। लेकिन उन्हें मालिकों, स्टाफ कर्मचारियों के नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अदालत में कोई पेश नहीं हुआ।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों के निर्देश को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’, सांसद एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। मोइत्रा ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे निर्देश समुदायों के बीच विवाद को बढ़ावा देते हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि संबंधित आदेश मुस्लिम दुकान मालिकों और कारीगरों के आर्थिक बहिष्कार तथा उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने आदेश जारी कर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा था।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×