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माटी का सम्मान लिखूं

01:45 PM Aug 14, 2021 IST

इस माटी की शान लिखूं,

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वीरों का बलिदान लिखूं।

लिखने को जब कलम उठे बस,

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भारत गौरवगान लिखूं।

इस माटी की शान लिखूं…

देश की आज़ादी की ख़ातिर,

लाखों वीरों की क़ुर्बानी,

हंसते- हंसते फांसी लटके,

देश के नाम कर गए जवानी।

उन वीरों के त्याग तपस्या,

बलिदानों की गाथाएं,

पुत्रों के बलिदान पे गर्वित,

उन वीरों की माताएं।

वक़्त के इतिहासों में केवल,

उनके अमिट निशान लिखूं।

नेताजी का कथन मुझे तुम,

ख़ून दो, दूंगा आज़ादी,

काला सेहरा पहन भगत सिंह,

कर गए फंदों से शादी,

गर्जन अशफ़ाक़ की लिखकर,

शेखर की पिस्तौल लिखूं,

रंग दे बसंती चोला वाले,

सबसे पावन बोल लिखूं,

तात्या का तप करूं नमन मैं

रानी का स्वाभिमान लिखूं।

इस माटी की शान लिखूं…

वीरों का बलिदान लिखूं।

– किरण यादव

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लिखूंसम्मान