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कुश्ती दंगल हमारी संस्कृति की पहचान : राजेश जून

07:08 AM Sep 06, 2024 IST
पहलवानों के हाथ मिलवाकर कुश्ती का शुभारंभ करवाते राजेश जून। -निस

बहादुरगढ़ (निस)

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मेले, कुश्ती-दंगल, धार्मिक सामाजिक अनुष्ठान हरियाणा प्रदेश की संस्कृति की पहचान है। इससे समाज में भाईचारा बढ़ता है व परस्पर सहयोग की भावना का संचार होता है। यह बात हल्का बहादुरगढ़ के वरिष्ठ समाज सेवी राजेश जून ने गांव आसोदा कुश्ती दंगल मेले में पहुंच दादा बूढ़े के चरणों में नमन करते हुए कही। दादा बूढा मंदिर समिति व गांव वासियों ने राजेश जून का फूलों की मालाएं पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। दंगल में राजेश जून ने पहलवानों के हाथ मिलवाकर कुश्ती का शुभारंभ करवाया, साथ ही खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलने के लिए प्रेरित भी किया। राजेश जून ने दादा बूढे मेले के सफल आयोजन के लिए गांव वासियों व समिति को बधाई दी। साथ ही गांव मांडोठी भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर राजेश जून ने समस्त ग्राम वासियों द्वारा दिए गए मान सम्मान के लिए आभार जताया।

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