World Economic Forum : कृषि-श्रमिकों की बढ़ेगी मांग, टिकट क्लर्क की नौकरियां होंगी कम, जानिए क्या कहता है शोध
नई दिल्ली, 8 जनवरी (भाषा)
World Economic Forum : अगले पांच साल में कृषि श्रमिकों और वाहन चलाने वालों यानी ड्राइवरों की मांग तेजी से बढ़ेगी। ये क्षेत्र तेजी से बढ़ती नौकरियों में शामिल होंगे। वहीं कैशियर और टिकट क्लर्क की भूमिकाओं में कमी आएगी। बुधवार को जारी एक नए अध्ययन की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने ‘भविष्य की नौकरी रिपोर्ट-2025' में यह भी कहा कि 2030 तक 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी, जबकि 9.2 करोड़ को नौकरियां खोनी पड़ सकती हैं। यानी शुद्ध रूप से 7.8 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी। स्विट्जरलैंड के दावोस में 20 से 25 जनवरी को होने वाली विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से कुछ दिन पहले जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई-नई प्रौद्योगिकी आने के साथ 2030 तक नौकरियों में व्यापक स्तर पर बदलाव आने की संभावना है।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति के अलावा जनसंख्या संबंधी बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और आर्थिक दबाव इसके कारण हैं। दुनियाभर में उद्योग और पेशा नया आकार ले रहा है। अध्ययन में 1,000 से अधिक कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर पाया गया कि कौशल अंतर आज भी व्यवसाय में बदलाव को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बाधा बनी हुई है। नौकरी के लिए आवश्यक लगभग 40 प्रतिशत कौशल में बदलाव होना तय है। 63 प्रतिशत नियोक्ता पहले से ही इसे अपने सामने आने वाली प्रमुख बाधा के रूप में बता रहे हैं।
कृत्रिम मेधा, बिग डेटा और साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी कौशल की मांग में तेजी से वृद्धि की उम्मीद है। रचनात्मक सोच, मजबूती, लचीलापन जैसे मानव कौशल महत्वपूर्ण बने रहेंगे। तेजी से बदलते नौकरी बाजार में प्रौद्योगिकी और मानव कौशल, दोनों का संयोजन महत्वपूर्ण होगा। जरूरी सेवाओं से जुड़ी भूमिकाएं और देखभाल तथा शिक्षा जैसे आवश्यक माने जाने वाले क्षेत्रों में 2030 तक नौकरियां बढ़ेंगी। एआई (कृत्रिम मेधा) और नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति बाजार को नया आकार दे रही है।
इससे कई प्रौद्योगिकी या विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग में वृद्धि हो रही है, जबकि ग्राफिक्स डिजाइनर जैसी अन्य नौकरियों की मांग में गिरावट आ रही है। विश्व आर्थिक मंच में कार्य, वेतन और नौकरी सृजन मामलों के प्रमुख टिल लियोपोल्ड ने कहा, ‘‘जेनरेटिव (सृजन से संबंधित) एआई और तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकी बदलाव जैसे रुझान उद्योगों और श्रम बाजारों को प्रभावित कर रहे हैं। इससे व्यापक अवसर और गंभीर जोखिम दोनों पैदा हो रहे हैं।''
कृषि श्रमिकों, ‘डिलिवरी' यानी समान पहुंचाने से जुड़े वाहन चालकों और निर्माण श्रमिकों जैसे क्षेत्रों में 2030 तक अच्छी संख्या में रोजगार बढ़ने की उम्मीद है। आवश्यक क्षेत्रों में मांग में वृद्धि को बढ़ावा देने वाले जनसंख्या संबंधी रुझानों के साथ, नर्सिंग पेशेवरों जैसे देखभाल और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के मामले में अच्छी वृद्धि का अनुमान लगाया गया ही। कृत्रिम मेधा, रोबोटिक्स और ऊर्जा प्रणाली खासकर नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
वहीं, कैशियर और प्रशासनिक सहायक जैसी भूमिकाएं सबसे तेजी से घट रही हैं। अब ग्राफिक डिजाइनर सहित भूमिकाएं भी शामिल हो गई हैं। इसका कारण सृजन से जुड़ी कृत्रिम मेधा तेजी से श्रम बाजार को नया आकार दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, पांच सबसे तेजी से बढ़ती नौकरियों की सूची में सबसे ऊपर कृषि श्रमिक, मजदूर और अन्य कृषि श्रमिक होंगे। इसके बाद हल्के ट्रक या ‘डिलिवरी' से जुड़े चालक, सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपर, दुकानों में काम करने वाले ‘सेल्सपर्सन' आदि होंगे।
इसके बाद, खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित कारोबार से जुड़े कामगार, कार, वैन और मोटरसाइकिल चालक, नर्सिंग पेशेवर, खाद्य और पेय सेवा कर्मचारी, सामान्य और संचालन प्रबंधक, सामाजिक कार्य और परामर्श पेशेवर, परियोजना प्रबंधक, विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा के लिए शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और व्यक्तिगत देखभाल सहायक जैसी नौकरियां भी बढ़ेंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी ओर, पांच सबसे तेजी से घटती नौकरियों की सूची में सबसे ऊपर कैशियर और टिकट क्लर्क हैं।
इसके बाद प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव हैं। इमारतों की देखभाल करने वाले, सफाईकर्मी, सामग्री का रिकॉर्ड और भंडार की देखरेख से जुड़े क्लर्क और मुद्रण तथा संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले शामिल हैं। लेखांकन, बही-खाता, और पेरोल क्लर्क पर असर होगा। अकाउंटेंट-ऑडिटर, परिवहन परिचारक और कंडक्टर, सुरक्षा गार्ड, बैंक लिपिक, डेटा एंट्री क्लर्क, ग्राहक सेवा कार्यकर्ता, ग्राफिक डिजाइनर, व्यावसायिक सेवा और प्रशासनिक प्रबंधक और परीक्षकों तथा जांचकर्ताओं का स्थान है। रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक सबसे तेजी से बढ़ते कौशल में एआई और बिग डेटा, नेटवर्क और साइबर सुरक्षा, प्रौद्योगिकी साक्षरता तथा रचनात्मक सोच शामिल होंगे।