पीजीआईएमईआर में विश्व दिव्यांगता दिवस 2024 मनाया गया
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 4 दिसंबर
पीजीआईएमईआर (PGIMER), चंडीगढ़ के ओटोलरिंजोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी विभाग और राष्ट्रीय पुनर्वास संस्थान के सहयोग से विश्व दिव्यांगता दिवस 2024 का आयोजन 4 दिसंबर को किया गया। इस वर्ष का प्रेरणादायक विषय था ‘बहरापन से आजादी’, जिसके तहत श्रवण दिव्यांगता से जूझ रहे व्यक्तियों को सशक्त बनाने और उनकी पुनर्वास प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कोक्लियर इम्प्लांट और श्रवण पुनर्वास में नई उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस समारोह का उद्घाटन पीजीआईएमईआर के पूर्व निदेशक प्रोफेसर बी.एन.एस. वालिया द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डीन अकादमिक डॉ. आर.के. राठौ और ओटी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर जयंती बक्शी सहित कई फैकल्टी सदस्य शामिल थे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, लद्दाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. मेहता ने उद्घाटन भाषण देकर कार्यक्रम को प्रेरणादायक दिशा दी।
कार्यक्रम में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए।
डॉ. हेतल मार्फटिया पटेल (प्रोफेसर और प्रमुख, ईएनटी विभाग, सेठ जी.एस. मेडिकल कॉलेज, मुंबई) ने कोक्लियर इम्प्लांट के परिणामों को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की।
प्रो. शेरोन कुशिंग (सिक किड्स हॉस्पिटल, टोरंटो) ने बच्चों में द्विपक्षीय कोक्लियर इम्प्लांट की पहुंच को बढ़ाने के लिए शुरुआती जांच की महत्ता पर प्रकाश डाला।
डॉ. अनव रतन (सीनियर रेजिडेंट, सेठ जी.एस. मेडिकल कॉलेज) ने कोक्लियर इम्प्लांट के विस्तारित उपयोग पर चर्चा की।
चंडीगढ़ की प्रमुख ऑडियोलॉजिस्ट डॉ. भावना जैन ने कोक्लियर इम्प्लांट पुनर्वास में हालिया प्रगति पर बात की।
भविष्य की योजनाएं और तकनीकी प्रगति
पीजीआईएमईआर की ओटी विभाग की प्रमुख प्रो. जयंती बक्शी ने कोक्लियर इम्प्लांट प्रोग्राम की भावी योजनाओं को साझा किया। उन्होंने अत्याधुनिक कोक्लियर इम्प्लांट तकनीकों, जैसे प्रोफाइल प्लस, ओसिया और स्मार्टनैव पर प्रकाश डाला।
यह कार्यक्रम पीजीआईएमईआर के सुनने और बोलने की समस्याओं से जुड़े मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और जीवन स्तर सुधारने के प्रयासों को मजबूती से रेखांकित करता है।
इस आयोजन में ईएनटी विभाग और ऑडियोलॉजी एवं स्पीच हियरिंग यूनिट के फैकल्टी और छात्रों ने भाग लिया।