World Brain Tumour Day समय रहते पहचान और सही इलाज से बच सकती है जान
चंडीगढ़, 7 जून (ट्रिन्यू)
हर साल 8 जून को मनाया जाने वाला वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे हमें याद दिलाता है कि मस्तिष्क में बनने वाला ट्यूमर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर समय रहते पहचाना जाए और सही इलाज मिले तो इससे जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। यह दिन जागरूकता बढ़ाने, लक्षणों को समय पर समझने और नई तकनीकों की मदद से इलाज को बेहतर बनाने का संदेश देता है।
डॉ. आदित्य गुप्ता, निदेशक, न्यूरोसर्जरी व साइबरनाइफ, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मुताबिक, “लोग अक्सर सिरदर्द या आंखों की कमजोरी को मामूली समझकर टाल देते हैं। लेकिन सही समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही आपकी ज़िंदगी बचा सकता है।”
क्या होता है ब्रेन ट्यूमर?
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उसके आसपास असामान्य कोशिकाओं की गांठ होती है।
ये दो प्रकार के होते हैं:
- प्राथमिक ट्यूमर – जो मस्तिष्क में ही शुरू होते हैं
- द्वितीयक ट्यूमर – जो शरीर के किसी दूसरे हिस्से से मस्तिष्क तक फैलते हैं
कुछ ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और ज्यादा खतरनाक नहीं होते, लेकिन कुछ बहुत तेजी से बढ़ते हैं और जानलेवा हो सकते हैं।
ये लक्षण नज़रअंदाज़ न करें
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण शुरुआत में आम बीमारियों जैसे लग सकते हैं, लेकिन अगर ये बार-बार हों या लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें:
- रोज़-रोज़ सिरदर्द होना, खासकर सुबह-सुबह
- बिना कारण उल्टी या मितली आना
- ऐसे व्यक्ति को दौरे पड़ना जिसे पहले कभी नहीं पड़े
- आंखों से धुंधला दिखना, सुनाई कम देना या बोलने में दिक्कत
- चलने-फिरने या संतुलन में परेशानी
- अचानक व्यवहार बदल जाना या गुस्सैल हो जाना
- भूलने की बीमारी या बार-बार भ्रम की स्थिति
डॉ. गुप्ता कहते हैं, “अगर ऐसे लक्षण लगातार बने रहें तो MRI जैसी जांच कराना जरूरी है। सही समय पर किया गया टेस्ट जीवन बचा सकता है।”
उन्नत तकनीक से अब इलाज पहले से बेहतर
आज के समय में ब्रेन ट्यूमर की जांच और इलाज बहुत आधुनिक हो चुके हैं:
बेहतर जांच तकनीक:
MRI और PET स्कैन जैसे टेस्ट अब ट्यूमर को बहुत साफ़ तरीके से दिखा सकते हैं।
कम चीरे वाली सर्जरी:
अब न्यूरोसर्जन बिना बड़े ऑपरेशन के, खास मशीनों की मदद से ट्यूमर निकाल सकते हैं। इससे मस्तिष्क के बाकी हिस्से को नुकसान नहीं होता।
CyberKnife – बिना ऑपरेशन के इलाज:
CyberKnife एक ऐसा सिस्टम है जो बिना चीरे के रेडिएशन से ट्यूमर को खत्म करता है।
यह उन मरीजों के लिए खास है जिनका ऑपरेशन मुमकिन नहीं या बहुत जोखिम भरा हो।
डॉ. गुप्ता बताते हैं, “CyberKnife बहुत सटीक तरीके से सिर्फ ट्यूमर पर असर करता है, जबकि आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं।”
भविष्य की उम्मीद: शोध और टीम वर्क
ब्रेन ट्यूमर के इलाज में अब नई रिसर्च पर भी काम हो रहा है जैसे:
- इम्यूनोथेरेपी – शरीर की अपनी ताकत से ट्यूमर से लड़ना
- जेनेटिक टेस्टिंग – बीमारी की जड़ तक जाना
- AI आधारित जांच – मशीनों से और तेज़ व सटीक पहचान
- इलाज में अब डॉक्टरों की पूरी टीम काम करती है — जैसे न्यूरोलॉजिस्ट, सर्जन, रेडिएशन एक्सपर्ट और फिजियोथेरेपिस्ट — जिससे मरीज को बेहतर देखभाल मिलती है।