World Brain Tumor Day : जब सिरदर्द बन जाए साइलेंट अलार्म, समय रहते पहचानिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
चंडीगढ़, 8 जून (ट्रिन्यू)
World Brain Tumor Day : सिरदर्द एक आम समस्या है, जिससे लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी प्रभावित होता है। यह थकान, तनाव, डिहाइड्रेशन या नींद की कमी जैसे कारणों से हो सकता है। लेकिन जब यह सिरदर्द बार-बार, असामान्य रूप से तेज, लंबे समय तक रहने वाला या अन्य लक्षणों के साथ जुड़ा हो, तो इसे हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं है। कई बार यह सामान्य लगने वाला सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर जैसे गंभीर रोग का संकेत भी हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है, जो कैंसरयुक्त (मैलिग्नेंट) या गैर-कैंसरयुक्त (बेनाइन) हो सकती है। यह ट्यूमर मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव बनाकर अनेक न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। यदि समय रहते इसका पता न चले, तो यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
सिरदर्द: चेतावनी का संकेत
ब्रेन ट्यूमर से संबंधित सिरदर्द सामान्य सिरदर्द से अलग होता है। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
सुबह के समय तेज सिरदर्द - ब्रेन ट्यूमर के रोगियों में सुबह उठते ही सिरदर्द होना एक आम लक्षण होता है। यह मस्तिष्क में दबाव बढ़ने के कारण होता है।
सिरदर्द जो समय के साथ बिगड़ता जाए - अगर आपका सिरदर्द हर दिन पहले से अधिक गंभीर होता जा रहा है, तो यह सामान्य नहीं है।
दर्द निवारक दवाओं से आराम न मिलना - अगर पेरासिटामोल या अन्य ओवर-द-काउंटर दवाएं काम नहीं कर रही हैं, तो सतर्क हो जाना चाहिए।
खांसने या झुकने से सिरदर्द बढ़ जाना - ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में दबाव ऐसा हो सकता है कि हिलने-डुलने या खांसने से दर्द बढ़ जाए।
ये संकेत भी करते हैं ब्रेन ट्यूमर की ओर इशारा
- आंखें कमजोर होना या देखने में परेशानी
- चलने या खड़े रहने में परेशानी
- बोलने या सुनने में दिक्कत
- व्यवहार में चिड़चिड़ापन
- एकाग्रता में कमी
- मिर्गी के दौरे पड़ना
- हाथ-पैरों में कमजोरी या सुन्नता
कब जाएं डॉक्टर के पास?
डॉक्टरों के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर का सिरदर्द ज्यादातर सुबह के समय होता है, जोकि खांसी, छींक के साथ बढ़ जाता है। वहीं, अगर स्मृति दोष या मानसिक भ्रम, उल्टी के साथ सिरदर्द, मिर्गी का दौरा, चलने-फिरने, सुनने या देखने में कठिनाई में से कोई भी लक्षण लगातार बने रहते हैं या समय के साथ बिगड़ते जाए तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
निदान कैसे होता है?
MRI या CT स्कैन: मस्तिष्क की विस्तृत छवि प्रदान कर ट्यूमर की उपस्थिति और स्थिति की जानकारी मिलती है।
न्यूरोलॉजिकल टेस्ट: स्मृति, संतुलन, दृष्टि और रिफ्लेक्स की जांच की जाती है।
बायोप्सी: ट्यूमर की प्रकृति (कैंसरयुक्त या नहीं) जानने के लिए की जाती है।
क्या करें?
अगर सिरदर्द में ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तत्काल किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसर्जन से संपर्क कर MRI या CT स्कैन जैसी जांच कराना जरूरी है।
हर सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का संकेत नहीं होता लेकिन जब यह सिरदर्द असामान्य हो या अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ जुड़ा हो तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। समय पर पहचान और इलाज से न केवल जीवन की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है, बल्कि कई बार जीवन की रक्षा भी की जा सकती है। इसलिए अगली बार जब सिरदर्द असामान्य लगे, तो डॉक्टर से परामर्श लेने में देर न करें।