कर्मियों का लघु सचिवालय में धरना, सफाई ठेके की मांगी जांच
इकबाल सिंह शांत/निस
डबवाली, 9 जून
नगर परिषद द्वारा शहर में लगभग आधे रेटों पर सफाई ठेका बड़ा मसला बन गया है। कम रेटों के चलते सफाई ठेकेदार मात्र दो माह में हाथ पीछे खींच ठेका रद्द कर गया। करीब 50-55 प्रतिशत कम रेट के टेंडर से नगर परिषद डबवाली की कार्यप्रणाली विवादों में घिर गयी है। ठेकेदार द्वारा रखे गये 62 पुरुष व महिला ठेका सफाई कर्मचारियों ने बेरोजगारी के चलते संघर्ष शुरू कर दिया है। सोमवार को लघु सचिवालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना लगा दिया। उन्होंने वाल्मीकि चौक से लघु सचिवालय तक रोष प्रदर्शन भी किया। धरनारत ठेका सफाई कर्मियों ने सरकार से सफाई ठेका प्रथा बंद कर तनखाह/डीसी रेट कार्य की मांग की है। उक्त विषय में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व उपायुक्त सिरसा व डीएमसी को मांग-पत्र भेजा है। रविन्द्र, गुरदीप सिह, कृष्ण कुमार, अमित कुमार पुहाल, मोहित व साहिल का आरोप है कि श्रम विभाग की नियमावली के मुताबिक एजेंसी अथवा ठेका आधार कर्मियों का न्यूनतम वेतन 11300 रपये है, जबकि ईपीएफ अतिरिक्त है। इससे कम तनखाह देना संगीन जुर्म है, जबकि डबवाली में सफाई ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मियों को मात्र 7200 रुपये प्रति माह दिए जा रहे थे। उन्होंने नियमों के मुताबिक वेतन व नगर परिषद डबवाली द्वारा बेहद कम रेटों पर दिए सफाई ठेके की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
नगर परिषद का कोई लेना-देना नहीं : ईओ
नगर परिषद के ईओ सुरिन्दर का कहना है कि एक ठेकेदार ने करीब 50-55% कम रेटों पर विभिन्न हिस्सों का सफाई ठेका लिया था। वह ठेका रद्द कर गया। ठेकेदार ने ये सफाई कर्मी रखे थे, नगर परिषद का इनसे कोई लेना-देना नहीं है।
कम रेट पर सफाई ठेकों से घोटाले के संकेत : विधायक
विधायक आदित्य देवीलाल ने कहा कि सफाई कर्मियों को कम वेतन देने का मामला गंभीर है। सरकार द्वारा बहुत ही कम रेट पर सफाई के ठेके दिए गए हैं, जो किसी घोटाले की ओर इशारा कर रहा है, इसका पर्दाफाश करने के लिए वह तथ्य जुटा रहे हैं। वहीं, रामां रिफाइनरी से होने वाले प्रदूषण से कई सीमावर्ती गांवों के लोगों को परेशानी होने पर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह मामला पहले भी उन्होंने अधिकारियों के समक्ष उठाया है, इसका स्थायी समाधान करवाने का प्रयास करेंगे।