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विनोद शर्मा के चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ता असमंजस में

08:39 AM Sep 08, 2024 IST

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 7 सितंबर
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जन चेतना पार्टी के अध्यक्ष विनोद शर्मा द्वारा अम्बाला शहर हलके से चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ता और शुभचिंतक काफी असमंजस में हैं। हालांकि बीते रोज बुलाई बैठक में भी विनोद शर्मा ने अम्बाला शहर से चुनाव लड़ने को लेकर स्पष्ट रूप से न तो हामी भरी और न ही न की।
विनोद शर्मा पर चुनाव लड़ने के लिए डाले जा रहे दबाव के चलते उन्हें 11 सदस्यीय समिति बनाने और उसके द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार आगे की रणनीति बनाने की बात कहकर समर्थकों को संतुष्ट करने का प्रयास किया और सभी से कालका हलके में अम्बाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा को चुनाव जितवाने का आह्वान किया।
विनोद शर्मा 2004 से 2014 तक अम्बाला शहर हलके का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हुड्डा सरकार में उन्हें सुपर सीएम भी कहा जाता था लेकिन 2014 के चुनाव से कुछ समय पहले उन्होंने कांग्रेस को बॉय बॉय कहकर जनचेतना पार्टी-वी का गठन कर लिया था। लोकसभा चुनावों में भाजपा को समर्थन देने वाले विनोद शर्मा अपनी पार्टी के सिंबल पर 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़े जरूर थे लेकिन उन्हें अपनेक्षाकृत वोट नहीं मिल पाये थे। अगले चुनाव से वह दूर रहे लेकिन इस बीच नगर निगम और मेयर के चुनाव में उन्होंने एक बात फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर न केवल अपनी पत्नी शक्ति रानी शर्मा को चुनाव जीत कर मेयर बनवाया बल्कि कई वार्डों से मेंबर भी जितवाने में कामयाब रहे। इस बीच शर्मा परिवार और स्थानीय भाजपा विधायक के बीच राजनीतिक रूप से 36 का आंकड़ा ही रहा। हालांकि बाद में फिर परिस्थितियां बदलीं और एक भी विधायक के बिना उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा ने भाजपा, जजपा, इनेलो आदि के सहयोग से राज्यसभा का चुनाव जीत कर अगली राजनीति के संकेत दे दिए।
इन सबके बावजूद मेयर शक्ति रानी शर्मा और विनोद शर्मा अम्बाला शहर हलके से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारियां करते रहे और कई सेवा प्रकल्पों के माध्यम से हलके के लोगों से हमेशा जुड़े रहे। समर्थकों को लग रहा था कि इस बार यदि भाजपा ने विनोद शर्मा को टिकट नहीं दी तो भी वह अपने चुनाव चिन्ह पर विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगे।
विनोद शर्मा ने कहा कि वह हमेशा अम्बाला शहर के कार्यकर्ताओं के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहे हैं और भविष्य में भी साथ रहेंगे।

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