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पंजाबी यूनिवर्सिटी में फर्जी सर्टीफिकेट पर 19 साल नौकरी करता रहा, बर्खास्त

08:51 AM Jul 17, 2024 IST
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संगरुर (निस) : पंजाबी यूनिवर्सिटी में एक कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के सहारे 19 साल तक नौकरी करता रहा। सर्टीफिकेट फर्जी पाये जाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब उसे बर्खास्त कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि कच्चे लैब अटेंडेंट के पद पर भर्ती हुआ यह कर्मचारी रेगुलर होकर जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट बन गया। इस बीच उनके प्रमाण-पत्र की जांच नहीं की गयी। सर्टीफिकेट को लेकर शिकायत मिलने के बाद मामले का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि जिस प्रयोगशाला को कर्मचारी ने अनुभव प्रमाण-पत्र दिया है वह प्रयोगशाला अस्तित्व में ही नहीं है। बलजिंदर सिंह 2005 में पंजाबी यूनिवर्सिटी में लैब अटेंडेंट के रूप में भर्ती हुआ। इस पद के लिए विज्ञान विषय में 12वीं पास या 10वीं पास के साथ लैब अटेंडेंट का अनुभव अनिवार्य है। बलजिंदर सिंह 10वीं पास था उन्हें लैब अटेंडेंट अनुभव प्रमाण-पत्र प्राप्त किया और उन्हें तदर्थ आधार पर नौकरी मिल गई। पांच साल बाद साल 2010 में बलजिंदर सिंह की नौकरी पक्की हो गई। विश्वविद्यालय प्राधिकरण ने उन्हें आठ साल बाद वर्ष 2018 में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियर्स में जूनियर तकनीकी सहायक के रूप में पदोन्नत भी किया। इसी बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन को शिकायत मिली कि बलजिंदर सिंह का अनुभव प्रमाण-पत्र फर्जी है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित एक कमेटी ने जांच शुरू की, जो काफी समय तक रुक-रुक कर चलती रही। जांच के दौरान बलजिंदर सिंह के अनुभव प्रमाण पत्र पर न तो प्रयोगशाला का नाम अंकित मिला और न ही उस प्रयोगशाला का कोई रिकार्ड मिला। कमेटी ने रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी। इसके बाद बलजिंदर सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। डीन अकादमिक अशोक तिवारी ने बताया कि कमेटी की ओर से रिपोर्ट दी गयी है, कर्मचारी का प्रमाण-पत्र सही नहीं पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर कुलपति ने बलजिंदर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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