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संस्कृत भाषा के संरक्षण, संवर्धन के लिए मिलकर कार्य करें : मुकेश गर्ग

06:49 AM Jul 23, 2024 IST
छछरौली के कालेश्वर मठ में आयोजित विचारगोष्ठी में उपस्थित मुख्यअतिथि व अन्य। -िनस

छछरौली, 22 जुलाई (निस)
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के सौजन्य से आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन के सदस्य एडवोकेट मुकेश गर्ग ने कहा कि संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रचार-प्रसार के लिए अच्छे प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। नयी पीढ़ी को संस्कृत भाषा सीखने के लिए तैयार करना होगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता महर्षि वाल्मीकि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रमेशचंद भारद्वाज ने की। श्री कालेश्वर महादेव मठ कलेसर में एकदिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय भारतीय संस्कृति के संदर्भ में महर्षि वेदव्यास का योगदान रखा गया। गोष्टी के मुख्य अतिथि हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन के सदस्य एडवोकेट मुकेश गर्ग रहे। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन करना बहुत ही सराहनीय काम है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वैदिक परंपरा में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है। गुरु शिष्य का पवित्र संबंध रहा है। गर्ग ने कहा कि समय के साथ-साथ गुरु शिष्य के संबंधों में भी कुछ कुरीतियां आई हैं जिन्हें दूर करने के मिलकर प्रयास करने होंगे। गोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. जेपी सेमवाल पूर्व निदेशक वीवीआरआई होशियारपुर, पंजाब ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार यमुना नदी क्षेत्र महर्षि वेदव्यास की जन्मस्थली व कर्म स्थली रहा है। महर्षि वेदव्यास ने यमुना नदी किनारे चारों वेदों, 18 पुराण की संरचना की। उन्होंने कहा कि स्वामी वेद व्यास की धरोहर को विकसित कर प्रचार प्रसार करना हम सब का दायित्व है। उन्होंने कहा कि अगर कैथल यूनिवर्सिटी की ओर से श्री कालेश्वर महादेव मठ में संस्कृत के संरक्षण व प्रचार प्रसार के लिए स्टडी केंद्र की शुरुआत की जाती है तो यह बहुत ही अच्छा कदम होगा। गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि स्टार एक्स विश्वविद्यालय गुरुग्राम के डाक्टर नक्षत्र पाल ने कहा कि संस्कृत बहुत समृद्ध भाषा है। देश भर में संस्कृत के 18 विश्वविद्यालय काम कर रहे हैं।
कालेश्वर महादेव मठ के अध्यक्ष स्वामी शांतानंद सरस्वती ने सभी को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शुभ आशीष देते हुए कहा कि मंदिर ट्रस्ट का यह प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द संस्कृति केंद्र की शुरुआत की जाए। इस मौके पर सभी अतिथियों को वाल्मीकि रामायण भेंट की गई।
इस अवसर पर इंटर कॉलेज रामपुर मनिहारान के प्रिंसिपल राजबीर सिंह, डॉक्टर हरीश शर्मा, प्रदीप कलेसर, बलबीर चौधरी, पवन बटार, रमेश आर्य, महिपाल रोहिल्ला, जोगिंदर सिंह, रामशरण आदि उपस्थित रहे।

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