Women's Day 2025 : आखिर 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है महिला दिवस, कब और कैसे हुई शुरुआत?
चंडीगढ़, 7 मार्च (ट्रिन्यू)
Women's Day 2025 : 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद महिला सशक्तिकरण व उनके अधिकारों को बढ़ावा देना है। भले ही मॉर्डन युग में महिलाएं तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रही हो, लेकिन कुछ जगहों पर आज भी हालात खराब हैं। आज भी बहुत सी औरतों को सामाजिक, सोशल, राजनैतिक तो दूर मौलिक अधिकार से भी वंचित रखा है।
उन्हें सिर्फ घर के कामों के योग्य समझा जाता है। दुनिया के हर देश में महिलाओं को उनका अधिकार और मान-सम्मान मिले इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने हर साल एक महिलाओं को समर्पित कर दिया, ताकि दुनियाभर में महिलाओं के काम व समर्पण को सराहा जा सके।
कब हुई महिला दिवस मनाने की शुरुआत
यह दिवस मनाने की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में हुई थी, जब महिला अधिकारों और समानता के लिए आंदोलन तेजी से फैलने लगे थे। इसका प्रमुख कारण था महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही थीं, जैसे कि मतदान का अधिकार, समान वेतन, और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार।
8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है महिला दिवस
महिला दिवस की शुरुआत 1908 में न्यूयॉर्क सिटी से हुई थी। उस समय, 8 मार्च को महिलाओं ने कामकाजी परिस्थितियों के सुधार के लिए एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लगभग 15,000 महिलाएं शामिल थीं, जिन्होंने महिला अधिकारों और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए आवाज उठाई।
इसके बाद, 1910 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में हुए इंटरनेशनल सोशलिस्ट महिला सम्मेलन में क्लारा जेटकिन ने प्रस्ताव रखा कि हर साल एक दिन महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए समर्पित किया जाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया और इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की परंपरा शुरू हुई।
पहली बार कब मनाया गया यह दिन
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 19 मार्च 1911 को मनाया गया, जिसमें ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, और स्विट्जरलैंड में लाखों महिलाओं ने भाग लिया। 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से महिला दिवस को मान्यता दी। इसे हर साल 8 मार्च को मनाने का निर्णय लिया। जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान को मान्यता देने और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने का एक अवसर है।