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महिलाओं ने सामूहिक रूप से सूर्य को अर्घ्य देकर सुनी अहोई अष्टमी की कथा

07:20 AM Oct 25, 2024 IST
भिवानी में बृहस्पतिवार को अहोई अष्टमी पर पूजा अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं। -हप्र

भिवानी, 24 अक्तूबर (हप्र)
संतान की सुख-समृद्धि के लिए बृहस्पतिवार को महिलाओं ने अहोई अष्टमी का उपवास रखकर अनुष्ठान किया। सुबह कई महिलाएं रोली, मोली, चावल व पूजा का अन्य सामान लेकर मंदिरों में पहुंचीं और इष्ट देव के समक्ष संतान की सुख-समृद्धि की कामना की। दोपहर के समय महिलाओं ने अहोई माता की कथा सुनकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया तथा सूर्य को अर्घ्य दिया।
अहोई अष्टमी पर्व की महत्ता बताते हुए सरपंच कमला देवी ने बताया कि संतान की सुख समृद्धि एवं लंबी आयु की कामना के लिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिस दिन अहोई अष्टमी होती है, अगले सप्ताह उसी दिन की दीपावली मनाई जाती है।
इस अवसर पर निशा, सुमन, मोनिका, प्रतिभा, रेनू, सविता, पूनम, सुमन, रितू, ज्योति, मनीषा सहित अन्य महिलाएं भी मौजूद रहीं।

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संतान की लम्बी आयु की कामना

बहादुरगढ़ (निस) : अहोई अष्टमी का पर्व बृहस्पतिवार को क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने व्रत रख जहां अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना की वहीं नव विवाहिताओं ने भी संतान प्राप्ति के लिए अहोई माता का उपवास रखा। अहोई अष्टमी के पर्व पर बृहस्पतिवार दोपहर के समय महिलाओं की टोलियां कथा सुनती नजर आईं। अपनी संतानों की रक्षा, लम्बी आयु व मंगलकामना के लिए कार्तिक अष्टमी को व्रत रखकर महिलाएं अहोई माता की पूजा करती हैं। वयोवृद्ध कमला देवी ने अहोई माता के व्रत का महत्व बताते हुए कहा कि कार्तिक मास की अष्टमी को अहोई माता का व्रत रख सभी महिलाएं अपनी संतान की रक्षा व लम्बी उम्र की कामना करती हैं जबकि नव विवाहिताएं भी संतान प्राप्ति की कामना के लिए इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करती हैं। महिला अंगूरी देवी, कमलेश, सावित्री, विमला, प्रमिला ने कहा कि प्रत्येक व्रत व पर्व में सामाजिक भलाई, आपसी प्रेम, विश्वास सौहार्द बढ़ाने का गूढ़ महत्व छिपा हुआ है। शहर के कई मंदिरों में सामूहिक रूप से महिलाओं ने अहोई की कथा सुनी।

पुत्रों की दीर्घायु के लिए रखा व्रत

रेवाड़ी (हप्र) : अहोई अष्टमी पर जिले में माताओं ने अपने पुत्र की लंबी आयु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए परिवार की बुजुर्गों से अहोई माता की कहानियां सुनीं और व्रत रखा। कहानी सुनने के बाद उन्होंने बुजुर्ग महिलाओं का आशीर्वाद प्राप्त किया कहीं चाय-पानी का सेवन किया। जिन घरों में हाल में पुत्रों की प्राप्ति हुई है, उनमें मीठे पकवान बने और माताओं ने इन पकवानों को बांट कर इस व्रत की खुशी मनाई। इसी कड़ी में जिले के गांव पीथडावास की सरपंच अनिता शर्मा ने अहोई अष्टमी व्रत की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। महिलाएं पुत्र की रक्षा, लंबी आयु और मंगल कामना के लिए यह व्रत रखती हैं।

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