कंडम घोषित करने के बावजूद कामकाजी आवास में रह रहीं महिलाएं
गुरुग्राम, 2 फरवरी (हप्र)
कामकाजी महिला आवास को पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कंडम घोषित कर दिया गया। आवास की छत, दीवारों, बाथरूम, किचन से पलस्तर टूटकर गिर रहा है, जिसके कारण यहां रहने वाली महिलाओं के लिए खतरा है। यहां रह रही महिलाओं को आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया, लेकिन ज्यादातर महिलाएं आवास को खाली नहीं कर रही है।
सिविल लाइंस इलाके में स्थित कामकाजी महिला आवास को रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से संचालित किया जाता है। वर्ष 1984 में यह इमारत बनी थी। समय के साथ इमारत कमजोर होती गई। आवास में 75 महिलाओं के रहने की क्षमता है। यहां 36 महिलाएं रह रही थी। आवास को कंडम घोषित किए जाने के बाद यहा आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया। इसमें से 23 महिलाओं ने तो आवास खाली कर दिया है, बाकी 13 महिलाएं आवास खाली करने को तैयार नहीं है।
रेडक्रॉस सचिव विकास कुमार के मुताबिक यहां पर जो महिलाएं आवास खाली नहीं कर रही, वे काफी समय से यहां का किराया भी नहीं दे रही हैं। कुछ ने तो करीब डेढ़ साल से किराया नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि आवास खाली करने का कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी वे यहां से जाने को तैयार नहीं हैं। जबकि यह इमारत कंडम और खतरनाक स्थिति में है। यहां की छतों से पानी टपकता है। पलस्तर गिरता है। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं से कई बार निवेदन किया जा चुका है, लेकिन ये प्रशासन के आदेशों की भी उल्लंघना कर रही हैं। विकास कुमार ने बताया कि 15 जनवरी 2025 को उपायुक्त अजय कुमार से आवास की महिलाओं ने 31 जनवरी 2025 तक का समय मांगा था कि इस तारीख तक बिना किसी के कहे, बिना नोटिस के ही आवास खाली कर देंगी। यह तहसीलदार कम मजिस्ट्रेट के समक्ष उपायुक्त को लिखित में दिया गया था। 31 जनवरी 2025 बीतने के बाद ये महिलाएं यहां से आवास खाली नहीं कर रहीं। सचिव विकास कुमार ने कहा कि जीर्णोद्धार का काम पूरा होने के बाद फिर से नए सिर से नियमानुसार पंजीकरण किए जाएंगे।