अहम योगदान के लिए भारतीय समाज में नारियों को माना है पूजनीय : अजीत मुनि
उकलाना मंडी, 5 नवंबर (निस)
जैन स्थानक उकलाना में प्रवचन भास्कर, समाज सुधारक अजीत मुनि जी महाराज, मधुर वक्ता अतिशय मुनि जी महाराज व सेवाभावी श्री निखिल मुनि जी महाराज ठाणे 3 का पावन चातुर्मास गतिमान है।
मंडी में धर्म की विशेष लहर छाई हुई है। गुरु महाराज प्रत्येक त्यौहार एवम हर रविवार को एक विशेष दिन के रूप में मनाते हैं। इसी शृंखला में आज गुरुओं के सान्निध्य में अहोई अष्टमी त्योहार माता-पिता एवं बच्चों के दिवस के रूप में मनाया गया।
आजकल संतों द्वारा भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना के मद्देनजर उत्तराध्ययन सूत्र की मूल वाचना हिंदी में अथज़् सहित की जा रही है।आज की वाचना में रथ नेमी व राजुमति की कहानी के माध्यम से धर्म, मर्यादा और संयम की दृढ़ता पर सुंदर प्रकाश डाला गया।
तत्पश्चात गुरु अजीत मुनि जी ने अहोई अष्टमी की कहानी उपस्थित भाई बहनों को सुनाते हुए नारी विशेषकर मां की महिमा पर जोर देते हुए कहा कि यह नारी ही है,जो कभी अपने पति की लंबी उम्र की
कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत करती है तो कभी अपने बच्चों की सलामती व अच्छे संस्कारों हेतु अहोई अष्टमी का उपवास करके उनके सुंदर जीवन की प्रार्थना करती है, इसलिए भारतीय समाज में नारियों को पूजनीय कहा है। महाराज श्री ने कहा कि समय समय पर हर संस्था एवं कौम को अपनी बुराइयों के बारे में अवलोकन करके उनका सुंदर समाधान करते रहना चाहिए।