सीबीआई अधिकारी बन महिला को किया डिजिटली अरेस्ट
सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर, 21 नवंबर
देश में आजकल एक ठगी का नया तरीका चल निकला है, जिसके माध्यम से सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर लोगों को डरा-धमका कर उनसे पैसे वसूले जाते हैं। ऐसा ही एक अलग तरह का मामला यमुनानगर में सामने आया है, जिसमें एक महिला को 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
यमुनानगर की महिला ने साइबर थाना पुलिस में दी शिकायत में बताया कि 9 नवंबर को उनके पास एक कॉल आया कि हम सीबीआई वाले बोल रहे हैं। आपका आधार कार्ड पर एक सिम जारी हुआ है, जिसमें अकाउंट खोलकर 68 करोड़ की हेराफेरी की गई है, इसलिए आपको इसमें गिरफ्तार किया जाता है। अधिकारी ने कहा कि आप डिजिटली अरेस्ट होना चाहते हैं या फिजिकल, तो महिला ने डिजिटली अरेस्ट होने की बात कही। इस पर सीबीआई बने पुलिस अधिकारियों ने उन्हें वीडियो कॉल ऑन रखने की आदेश दिए और कहीं भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी। अगर वह बैंक में गई तो उस दौरान भी वीडियो कॉल ऑन रखी गई। 9 नवंबर से 19 नवंबर तक लगातार यह सिलसिला जारी रहा और इस दौरान कुल 13 लाख से अधिक की राशि सीबीआई के अधिकारी बने लोगों ने विभिन्न अकाउंट में ट्रांसफर करवा दी। इसके लिए बाकायदा सीबीआई के लेटर हेड पर उन्हें व्हाट्सएप पर लेटर भी भेजा गया।
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया। इसके बाद उन्होंने तुरंत उस ट्रांजेक्शन को सीज करने के लिए विभिन्न बैंकों और अन्य सिस्टम से अनुरोध किया। साइबर थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की कि वह डिजिटली अरेस्ट अथवा अन्य ऐसे किसी भी नये तरह के फ्रॉड को लेकर किसी झांसे में न आएं और इसकी सूचना तुरंत पुलिस अथवा साइबर थाना को दें।
उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई नियम नहीं है। सीबीआई, ईडी अधिकारी बनकर अपने आपको ऑफिस में दिखाकर वीडियो कॉल के माध्यम से इस तरह के ब्लैकमेल के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें डॉक्टर, रिटायर्ड कर्मचारियों, अधिकारियों को टारगेट किया जाता है, ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए।